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बिहार चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनता दल की अगुवाई वाले महागठबंधन की ओर से सीटों का एलान करने से पहले ही बीडेपी के नेता और राज्य के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा था कि जितनी ज्यादा सीटों पर राजद लड़ेगी उतनी ही लड़ाई दिलचस्प हो जाएगी. अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बीजेपी की ये उम्मीद पूरी होती हुई दिखाई दे रही है.

साल 2015 के विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार की अगुवाई वाले महागठबंधन में 101 सीटों पर लड़़ने वाली राजद इस बार कांग्रेस के साथ गठबंधन कर 144 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है. इतना ही नहीं महागठबंधन की पार्टियों में सबसे मजबूत राजद अपनी ज्यादातर सीटों पर जेडीयू के खिलाफ लड़ रही है.

77 सीटों पर राजद के उम्मीदवार नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जेडीयू के खिलाफ मैदान में है. ऐसे में लगभग 30 प्रतिशत सीटों पर आसान लड़ाई की उम्मीद की जा सकती है. वहीं 51 सीटों पर राजद बीजेपी के खिलाफ लड़ रही है, बाकी 59 सीटों पर बीजेपी को आसान जीत की उम्मीद दिखाई दे रही है. पांच राजद प्रत्याशी हम के खिलाफ तो 11 वीआईपी के खिलाफ लड़ते हुए नजर आएंगे.

राजद का इस मामले में कहना है कि सीटों के निर्धारण के दौरान सामाजिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखकर टिकट का बंटवारा किया गया है, ये एक मात्र संयोग है कि आखिर में बीजेपी को फायदा मिल सकता है संभव है कि वो एनडीए में सबसे बड़े दल के रुप में उभरे या फिर चुनाव बाद सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के तौर पर सामने आए.

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