उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव की तैयारियां अब तेज हो गई हैं. सभी राजनीतिक दलों में इस चुनाव को लेकर सक्रियता बढ़ गई है. इसी बीच भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि प्रदेश में मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के रिश्तेदार पंचायत चुनाव नहीं लड़ेंगे.

शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में सरकार और संगठन के बीच ये एलान कर दिया गया है कि सभी मंत्रियों के रिश्तेदार या घर परिवार को कोई भी सदस्य पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगा.सीएम योगी ने कहा कि राजनीति में परिवारवाद को खत्म करने के लिए संगठन के साथ मिलकर ये फैसला लिया गया है.

पार्टी की ओर से साफ कहा गया है कि सिर्फ कार्यकर्ताओं को चुनाव में टिकट दिया जाएगा. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता भी तय की जाएगी. इसे लेकर पंचायती राज एक्ट में संशोधन के लिए जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा.

विधानसभा के अगले सत्र में पंचायती राज संशोधन कानून विधेयक पेश हो सकता है. यूपी में पंचायत चुनाव दिसंबर में होने थे मगर कोरोना के चलते इसे आगे बढ़ा दिया गया है.

अब माना जा राह है कि मार्च में ये चुनाव होंगे. जानकारों का कहना है बीजेपी ने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि वो विपक्षी दलों को परिवार के मुद्दे पर ही घेरती आई है. अब वो खुद इस जाल में नहीं फंसना चाहती.

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