मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस को लगातार पर्सनल लोन के नाम पर धोखाधड़ी की शिकायत मिल रही थी. हाल ही में कुछ दिनों में करीब 1 दर्जन लोगों ने इस बात की शिकायत दर्ज की थी इसके बाद साइबर क्राइम भोपाल ने इस हाइटेक मामले की जांच शुरु की थी. शुरुआती जांच में पता चला कि इसके तार नोएडा से संचालित हो रहे एक काल सेंटर से जुडे हुए हैं.
इस काल सेंटर के लोग पर्सनल लोन के नाम पर लोगों को फोन करते थे, फिर उनसे ठगी करते थे. साइबर सेल ने इस क्रम में गाजियाबाद और नोएडा में भी छापेमारी की है.
4 लोगों को किया गया गिरफ्तार
गाजियाबाद से 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, गिरफ्तार आरोपियों में डेविड कुमार जाटव, मनीषा भट्ट, नेहा भट्ट और कमल कश्यप शामिल है.
इन लोगों ने ठगी के लिए फर्जी कंपनियों का निर्माण किया था. पुलिस के अनुसार डेविड कुमार जाटव इस गिरोह का मुखिया है जो स्विफ्टफायनेंस के नाम से एक आईटी कंपनी चलाते हैं.
डेविड कुमार जाटव ने आनलाइन वेब डिजाइनिंग को कोर्स किया है. फर्जी बेबसाइट ग्राहकों को लोन देने के लिए बनाता था. ये आनलाइन विज्ञापन गूगल पर ऐड देता था, इस काम के लिए यूपी के नोएडा में 2 काल सेंटर खोल रखे थे.
यहां पर 25-30 लड़कियों को काल करने के लिए रखा गया था. डेविड जाटव की मंगेतर नेहा भट्ट ही फर्जी कंपनियों का काम देखती थी, पुलिस के अनुसार नेहा भट्ट डेविड की मंगेतर बताई जाती है.
वह 2018 से उसके साथ काम कर रही हैं डेविड ने सभी फर्जी कंपनियों को अपनी मंगेतर को खुश करने के लिए बनाया था. सारी कंपनियों का आपरेशन का काम नंहा भट्ट ही देखती थी.
इस गिरोह में डेविड के मंगेतर की बहन भी शामिल हैं, मनीषा भट्ट काल सेंटर के प्रबंधन का काम देखती हैं, वह ग्राहकों को काल के जरिए आनलाइन फंसाती थी. इसके अलावा गिरोह में शामिल कमल कश्यप ग्राहकों से पैसे लेने के लिए फर्जी अकाउंट और सिम कार्ड उपलब्ध कराता था. डेविड इसके एवज में 50 हजार रुपये प्रति फर्जी बैंक अकाउंट के आधार पर पेमेंट करता था.