2019 लोकसभा चुनाव के बाद से लेकर अब तक बहुजन समाज पार्टी से एक के बाद नेताओं के पार्टी छोड़ने ाक सिलसिला जारी है. सपा-बसपा गठबंधन टूटने के बाद से लेकर अब तक कई बड़े बसपा नेता अपने समर्थकों सहित पार्टी छोड़ चुके हैं. इनमें से कई सपा में तो कई बीजेपी सहित अन्य दलों में शामिल हो गए हैं.

अधिकांश नेता समाजवादी पार्टी में ही शामिल हुए हैं. बहुजन समाजपार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली ने अब इस मामले पर बताचीत करते हुए कहा कि ऐसे लोगों के जाने से पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत दूसरे दलों के कई नेता बसपा में शामिल हुए और भीतर से पार्टी को कमजोर करने का काम किया.

पहले इन्होंने सत्ता का सुख भोगा और अब पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. ऐसे अवसरवादी लोगों की वजह से पार्टी को नुकसान हुआ है. उन्होंने ये भी साफ किया कि पुराने कार्यकर्ता पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं, हां मगर उनमें कुछ नाराजगी जरूर है. हम कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए जल्द ही समय-समय पर उनके साथ बैठकों का सिलसिला शुरू करेंगे.

मुनकाद अली ने पार्टी में फैले असंतोष के पीछे संवादहीनता को बड़ी वजह बताया. उन्होंने कहा कि जल्द ही इस कमी को दूर कर लिया जाएगा.

बता दें कि लोकसभा चुनाव में बसपा ने सपा के गठबंधन किया था. 80 सीटों वाले यूपी में गठबंधन को 15 सीटें मिली थी. इनमें से 10 सीटें बसपा के और 5 सपा के खाते में गई थी.

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