सियासत में ये कहा जाता है कि न तो कोई परमानेंट दोस्त होता है और न ही परमानेंट दुश्मन. कुछ उेसा ही नजारा देखने को मिला बिहार में. कुछ दिन पहले एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान को राज्यसभा सीट पर उम्मीदवार उतारने का ऑफर दे डाला. हालांकि चिराग पासवान ने तेजस्वी के इस ऑफर को नामंजूर कर दिया और इसके लिए उनका शुक्रिया भी अदा किया.

लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया चिराग पासवान ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी व दलित सेना के संस्थापक राम विलास पासवान के निधन के बाद रिक्त पड़ी राज्यसभा की सीट पर चुनाव है. राज्यसभा की ये सीट संस्थापक के लिए थी. जब पार्टी के संस्थापक ही नहीं रहे तो ये सीट बीजेपी किसको देती है ये उनका निर्णय है.

राजद के ऑफर पर उन्होंने कहा कि राजद के कई साथियों ने अपना समर्थन इस सीट पर लोजपा प्रत्याशी के लिए करने की बात कही है. उनके समर्थन के लिए पार्टी आभार व्यक्त करती है. राज्यसभा सीट पर लोजपा का कोई भी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ना चाहता है.

बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद राज्यसभा की ये सीट खाली हो गई थी. बीजेपी ने इस सीट पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को प्रत्याशी घोषित किया है.

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