उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के ईपीएफ में घोटाले की खबर आने के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल सा आ गया है. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के बीच एक दूसरे पर इस घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा रहे हैं. अखिलेश यादव बीजेपी नेताओं से सवाल पूछ रहे हैं तो बीजेपी नेता अखिलेश सरकार पर सवाल उठा रहे हैं.

यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी की गिरफ्तारी पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर तंस कसते हुए पूछा है कि अखिलेश बाबू ये रिश्ता क्या कहलाता है?

सीएम योगी आदित्यनाथ के दफ्तर से ट्वीट करते हुए कहा गया है कि भ्रष्टाचार के रक्तबीज पर योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस तलवार के वार से भ्रष्टाचारी त्राहिमाम कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के पूर्व एमडी जो अखिलेश यादव के नयन तारे थे इन्हें तीन बार सेवा विस्तार मिला था, अब हिरासत में लिए गए हैं. तो भाई अखिलेश बाबू ये रिश्ता क्या कहलाता है?

अखिलेश यादव ने भी प्रेस कांफ्रेंस करते हुए इसका जवाब देते हुए कहा कि सपा की सरकार में डिफाल्टर कंपनी को एक पैसा भी नहीं दिया गया. यह बात एफआईआर में स्पष्ट है कि पैसा कब दिया गया. इस दौरान उन्होंने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ड़र के मारे इस जांच को सीबीआई को सौंपा गया है.

हमारी मांग है कि इस मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग बेंच के जज से कराई जाए, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. योगी सरकार ने ड़र के मारे इस जांच को सीबीआई को जल्दी-जल्दी में सौंप दिया है.

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