बहुजन समाज पार्टी के पूर्व महासचिव रहे नसीमउद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं. अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित करते हुए उनकी संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दे दिया. इस मामले में 20 फरवरी तक हजरतगंज इंस्पेक्टर को आख्या पेश करने को कहा गया है.
बसपा के पूर्व नेता नसीमउद्दीन सिद्दीकी, राज अचल राजभर के अलावा बसपा के तत्कालीन सचिव मेवालाल गौतम, अतर सिंह राव और नौशाद अली भी इस मामले में अभियुक्त हैं. सभी अभियुक्तों के खिलाफ 12 जनवरी को धारा 508, 509, 153ए, 34, 149 और पॉस्को एक्ट में चार्जशीट दाखिल हुई थी.
ये था मामला
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के खिलाफ बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह की अमर्यादित टिप्पणी के बाद भड़के बसपा नेताओं ने दयाशंकर सिंह और उनके परिवार के खिलाफ जमकर हंगामा किया था. इस दौरान दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाती सिंह, मां तेतरी देवी और उनकी नाबालिग बेटी को लेकर अभद्र टिप्पणी की गई थी.
इस संबंध में 22 जुलाई 2016 को दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. इस मुकदमें में नसीमउद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर को कोर्ट में पेश होना था मगर ये दोनों अदालत में हाजिर नहीं हुए.
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार ने इन दोनों नेताओं को भगोड़ा घोषित करते हुए इनकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया.