ठगी और चोरी के किस्से तो आपने बहुत सुने होंगे मगर आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे शातिर दिमाग चोर व ठग की कहानी जो 80 की उम्र का होने के बाद भी अपने शातिर दिमाग की खुराफात से बाज नहीं आ रहा है. उसने आम जनता के साथ साथ भारत सरकार को भी अपनी ठगी का शिकार बना लिया. इस शातिर ठग का नाम है धनीराम.
धनीराम को हिंदुस्तान का सबसे शातिर चोर कहा जाता है. धनीराम बेहद पढ़ा लिखा है, उसने एलएलबी, हैंडराइटिंग एक्सपर्ट और ग्राफोलॉजी की डिग्री हासिल कर रखी है. उसने 25 साल की उम्र से चोरी और जालसाजी की शुरूआत की थी. धनीराम को साल 1964 में पहली बार चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
वो सबसे ज्यादा बार गिरफ्तार किया जाने वाला चोर है. पुलिस को चकमा देकर फरार होना उसके बाएं हाथ का खेल है. धनीराम अबतक 1000 से अधिक गाड़ियां चुराकर उनके फर्जी कागजात बनाकर बेच चुका है. धनीराम का सबसे बड़ा कारनामा ये है कि उसने फर्जी कागजात बनाकर जज को छुट्टी पर भेज दिया और खुद जज बन बैठा.
धनीराम ने हरियाणा के एडिशनल स्पेशल जज को दो महीने की छुट्टी पर भेज दिया और खुद जज बन बैठा. एलएलबी की पढ़ाई किए होने की वजह से उसे जज बनने में कोई दिक्कत नही आई.
दो महीनों तक वो जज बनकर फैसले करता रहा. इस दौरान उसने लगभग 2000 कैदियों को जमानत दे दी और कईयों को सजा भी सुना दी. धनीराम कहां है इस बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं है.