आईएएस और आईपीएस ऑफिसरों को तो आपने देखा ही होगा, दोनों ही अधिकारियों की पद प्रतिष्ठा देखकर हर किसी का मन करता है कि वो भी इस पद पर चयनित हो मगर इसकी परीक्षा इतनी कठिन होती है कि बहुत ही कम अभ्यर्थी इसे पास कर पाते हैं. आईएएस और आईपीएस दोनों का ही चयन यूपीएससी की परीक्षा से होता है.

आईएएस और आईपीएस दोनों ही पद सबसे महत्वपूर्ण होते हैं. आईएएस अधिकारी सादे कपड़ों में रहता है और आईपीएस पुलिस की वर्दी में होता है. एक जिले में एक से ज्यादा आईएएस और आईपीएस तैनात होता है मगर सबसे महत्वपूर्ण पद डीएम और एसएसपी के होते हैं.

यूपीएससी परीक्षा के दौरान अपनी पसंद की सर्विस चुनने का ऑप्शन होता है मगर फाइनल रिजल्ट के बाद रैंक के अनुसार उन्हें ये सर्विस प्रदान की जाती है. आईएएस ज्वाइन करने के बाद अभ्यर्थी सिविल सेवा की परीक्षा नहीं दे सकता मगर आईपीएस बनने के बाद ये परीक्षा दे सकता है.

आईएएस और आईपीएस दोनो ही ऑल इंडिया सर्विस है लेकिन दोनों की अथारिटी अलग होती है. आईएएस सीधे प्रधानमंत्री के अधीन होता है जबकि आईपीएस गृहमंत्री के अधीन होता है. आईपीएस की ट्रेनिंग आईएएस की अपेक्षा ज्यादा कठिन होती है.

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एक डीएम के रूप में आईएएस जिले का सबसे पावरफुल अधिकारी होता है, जबकि आईपीएस पुलिस विभाग का मुखिया होता है. डीएम के पास शहर की कानून व्यवस्था, कर्फ्यू, धारा 144 भीड़ पर गोली चलाने के आदेश देने का पावर होता है. आईएएस अधिकारी पुलिस के साथ ही जिले के हर विभाग का मुखिया होता है.

आईएएस का वेतन 56100 रूपये प्रतिमाह से लेकर 2,50,000 रूपये प्रतिमाह तक हो सकता है जबकि आईपीएस का वेतन 56100 से लेकर 225000 रूपये प्रतिमाह तक हो सकता है. वेतन का ग्रेड वरिष्ठता के आधार पर तय होता है. दोनों ही अफसरों को सरकारी आवास, गाड़ी आदि की सुविधाएं दी जाती हैं.

आईपीएस अधिकारी डीजीपी से लगाकर सीबीआई, रॉ का डायरेक्टर बन सकता है जबकि आईएएस कैबिनेट सेक्रेटरी बन सकता है.

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