54 लाख रुपये रिश्वत प्रकरण में विद्युत नगरीय वितरण खंड-2 के तत्कालीन अधिशासी अभियंता संजय शर्मा और कार्यालय सहायक महेश कुमार को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष एम देवराज ने बर्खास्त कर दिया है.

साल 2019 में अधीक्षण अभियंता बीएल मौर्य ने अधिशासी अभियंता समेत तीन के खिलाफ 54 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में सेक्टर-20 कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी. इस मामले की पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के महाप्रबंधन के नेतृत्व में भी जांच चल रही थी. जानकारी के अनुसार नोएडा जोन में अधिशासी अभियंता संजय शर्मा 12 जून 2019 से लेकर पांच मार्च 2020 तक तैनात रहे थे.

उन्होंने पांच अक्टूबर 2019 को निगम के राजस्व खाते में 54 लाख रुपये बिना किसी रसीद और एंट्री के जमा कर दिए थे. जबकि राजकोष में एक दिन में 40 लाख रुपये ही जमा करने का प्रावधान है. जब ये मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आया तो अधिशासी अधिकारी और कर्मचारी से इस बारे में जवाब तलब किया गया.

जबाव से संतुष्ट नहीं दिखे अधिकारी, विभाग ने की छुट्टीः

आरोपितों ने इस दौरान जवाब दिया कि उक्त रकम उपभोक्ता से लिए एडवांस बिल की है. मामले की एमडी स्तर से एक कमेटी गठित कर जांच की गई. जांच के दौरान पाया गया कि अधिशासी अभियंता और मुख्य रोकड़िया को 54 लाख रुपये गलत तरीके से निकालने के मामले में दोनों आरोपितों को बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए.

जब इस तरह का प्रकरण सामने आया तो विभागीय सूत्रों ने बताया कि ये रकम एक बड़ी कंपनी की ओर से बतौर रिश्वत ली गई थी लेकिन मामला प्रकाश में आने के बाद अधिकारी-कर्मचारी ने मिलीभगत कर इसको एडवांस रकम करार दिया. पहले जवाब में अधिशासी अभियंता की ओर से बताया गया कि ये रकम 46 उपभोक्ता से ली गई है. हालांकि उनके सभी जवाब गलत साबित हुए.

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