सोमवार को राजद की समीक्षा बैठक में तेजस्वी यादव की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि हम चुनाव में सामने के दुश्मन से नहीं बल्कि आस्तीन के सांपों से हारे. उन्होंने हार का कारण भितरघात बताया. बैठक में आए पार्टी नेताओं से स्पष्ट रुप से कह दिया है कि माइंड क्लियर करिए. जिन्हें चुनाव लड़ना है वे पार्टी में पदाधिकारी ना बनें.

हमने सबके बारे में रिपोर्ट तैयार की है और लालू जी के सामने उस रिपोर्ट को रख भी दिया है. तेजस्वी यादव ने इस दौरान कहा कि लालू जी ने मुझे पूरी छूट दी है और कहा है कि जो भी करना है कीजिए. यदि आप सोच रहे हैं कि 2020 का चुनाव खत्म हो गया है तो आप भूल में हैं, हो सकता है कि साल 2021 में एक बार फिर से चुनाव हो जाए.

कहा कि अब पार्टी में परंपरा बदलने की जरुरत है. पार्टी में पुरानी परंपरा से काम नहीं चलने वाला है. पिछली बार संगठन में हमने फेरबदल किया, आरक्षण दिया.

लेकिन अब समीक्षा के बाद भारी फेरबदल की जरुरत होगी. तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव सभी को लड़ना है ये स्वाभाविक है लेकिन एक जगह पर पार्टी की ओर से एक ही उम्मीदवार को ही उतारा जा सकता है. हमने पूरे समीकरण के साथ, फीड़बैत लेकर उम्मीदवारों को उतारा.

लेकिन पार्टी जब उम्मीदवार का चयन कर देती है तो इसके बाद भितरघात नहीं करना चाहिए, यदि सरकार बनती तो विधायक बनाता, मंत्री बनाता, कार्यकर्ता हैं तो 20 सूत्री में जाता, समिति बोर्ड में जाता. लेकिन इससे पार्टी को नुकसान हुआ है.

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