आईएएस अधिकारी तपस्या परिहार की कहानी प्रेरणा वाली है. मध्य प्रदेश के जोवा गांव की रहने वाली तपस्या बचपन से ही पढ़ाई में होनहार थीं. वह यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर आईएएस अधिकारी बनना चाहती थीं. जबकि मध्य प्रदेश के इस गांव में महिलाओं की साक्षरता दर बेहद कम है, जिसका प्रमुख कारण है कि लड़कियों की जल्दी शादी कर दी जाती है.

लेकिन तपस्या के साथ ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने अपने परिवार को उद्येश्य के बारे में बताया. आगे पढ़ाई करने की इच्छा जाहिर की. जिसके बाद परिवार का उन्हें साथ मिला और तपस्या ने यूपीएससी के लिए तैयारी करना शुरू कर दिया. वह वकालत की छात्रा रही हैं.

पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली. पहले प्रयास में उन्होंने कोचिंग भी ली थी, लेकिन दूसरे प्रयास के लिए उन्होंने खुद से मेहनत करने का फैसला किया. दूसरे प्रयास के लिए जब तपस्या ने पढ़ाई शुरू की तो उनका लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा नोट्स बनाने और आंसर पेपर सॉल्व करने का था. आखिरकार उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास कर ही चैन लिया.

यूपीएससी-2017 में तपस्या परिहार ने 25वीं रैंक हासिल की. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उनके इस हौसले की तारीफ की और उन्हें किसान की बेटी बताया.

तपस्या यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को लेकर कहती हैं कि पता नहीं लोग कैसे 14 से 16 घंटे पढ़ लेते हैं. मैंने कभी इतनी पढ़ाई नहीं की. मैं हर रोज अपनी स्ट्रेटजी बनाती थी और उसी के अनुसार चलती. प्री के लिए मैंने 8 से 10 घंटे पढ़ाई की, जो मेंस के समय 12 घंटे तक पहुंची.

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