26 जनवरी पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली. इस दौरान हुई हिंसा पर बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है. इस बवाल का जिम्मेदार अखिलेश यादव ने बीजेपी को ठहराया. जबकि मायावती ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में कल गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की हुई ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह कतई भी नहीं होना चाहिए था. यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण तथा केंद्र की सरकार को भी इसे अति-गंभीरता से जरुर लेना चाहिए. साथ ही बीएसपी की केंद्र सरकार से अपील है कि वह तीनों कृषि कानूनों को अविलम्ब वापस लेकर किसानों के लंबे अरसे से चल रहे आंदोलन को ख़त्म करे ताकि आगे फिर से ऐसी कोई अनहोनी घंटा कहीं भी न हो सके.
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में कहा कि भाजपा सरकार ने जिस प्रकार किसानों को निरंतर उपेक्षित, अपमानित व आरोपित किया है, उसने किअनों के रोष को आक्रोश में बदलने में निर्णायक भूमिका निभाई है. अब जो हालात बने हैं, उनके लिए भाजपा ही कसूरवार है. भाजपा अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए कृषि-कानून तुरंत रद्द करे.
भाजपा सरकार ने जिस प्रकार किसानों को निरंतर उपेक्षित, अपमानित व आरोपित किया है, उसने किसानों के रोष को आक्रोश में बदलने में निर्णायक भूमिका निभायी है. अब जो हालात बने हैं, उनके लिए भाजपा ही कसूरवार है.
भाजपा अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी मानते हुए कृषि-क़ानून तुरंत रद्द करे. #किसान pic.twitter.com/mXEYl6r2zZ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 27, 2021
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी गणतंत्र दिवस पर किसानों के समर्थन ने विभिन्न जिलों में प्रदर्शन किए थे. अखिलेश यादव ने अपने पैतृक गांव सैफई में ध्वजारोहण कर ट्रैक्टर तिरंगा रैली में हिस्सा लिया था.