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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहने वाली 41 साल की महिला जिंदगी की जंग को तो हार गई लेकिन वो चार लोगों को नया जीवन प्रदान कर गई. रफत पवीन को 19 दिसंबर की रात को तेज सिर दर्द की शिकायत हुई जिसके बाद उसे वैशाली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

डाक्टरों ने जांच की तो पता चला कि वो ऐन्यरिज्म से पीड़ित थी. यानी दिमाग की रक्तवाहिनी से खून निकल रहा था और वो दिमाग के दूसरे हिस्सों में पहुंच रहा था, इस तरह की जटिल बीमारी के चलते महिला की तबियत लगातार बिगड़ रही थी.

और शुक्रवार को डाक्टरों ने महिला के ब्रेन डेड घोषित कर दिया. गुरुवार रात को वैशाली स्थित मैक्स अस्पताल से ग्रीन कारिड़ोर बनाकर दिल्ली साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में दिल ले जाया गया, जहां पर उत्तराखंड़ के रहने वाले 54 वर्षीय मरीज को दिल प्रत्यारोपित किया है.

कहा जा रहा है कि महिला की मौत के बाद उनके परिवारीजनों की ओर से अंगदान का फैसला किया गया था. परिवार के लोगों की सहमति के बाद डाक्टरों ने राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन को इसकी जानकारी दी गई थी इसके बाद मैक्स अस्पताल में जरुरतमंद मरीजों को रफत परवीन के अंग प्रत्यारोपित करने कै फैसला लिया गया.

इस दौरान महिला के शरीर से दिल, दोनों किडनी और लीवर को निकाला गया. मैक्स, वैशाली से साकेत स्थित मैक्स अस्पताल के बीच पुलिस ने ग्रीन कारिडोर बनाया और दोनों अस्पतालों के बीच 23.8 किलोमीटर की दूरी को मात्र 18 मिनट में ही ही तय कर लिया गया.

महिला की किडनी को गाजियाबाद में ही किडनी की बीमारी से पीडित 37 वर्षीय महिला को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया. महिला के लीवर को 59 साल की एक महिला को प्रत्यारोपित किया गया.

वहीं दूसरी किडनी को गुरुग्राम के आर्टिमिस अस्पताल में भर्ती मरीज को प्रत्यारोपित करने का काम किया गया. वैशाली से गुरुग्राम की दूरी मात्र 45 मिनट में ही पूरी कर ली गई है. महिला के दिल को साकेत के मैक्स अस्पताल में भर्ती 56 साल के मरीज में प्रत्यारोपित किया.

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