बाल विवाह एक ऐसी कुरीति है जिसके खिलाफ लंबे समय से अभियान चल रहा है लेकिन एभी भी कई स्थानों पर बाल विवाह जैसी कुरीति देखने को मिल जाती है. राजस्थान के जोधपुर में 2 साल की उम्र में ही बाल विवाह की शिकार हुई नींबू को आखिरकार इससे मुक्ति मिल गई है.

आजतक की रिपोर्ट क मुताबिक जस्टिस महेंद्र कुमार सिंघल ने नींबू का बालविवाह निरस्त करा दिया. नींबू के प्रयास में उसे सारथी ट्रस्ट का भरपूर सहयोग मिला. 20 साल की नींबू जोधपुर के बाप तहसील में रहती है. उनका साल 2002 में ही बीकानेर जिले के रहने वाले युवक से बालविवाह हो गया था. उस समय उनकी उम्र महज 2 साल थी.

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हालांकि अब उन्हें इस विवाह से मुक्ति मिल गई है. नींबू जैसे-जैसे बड़ी हुई, वैसे-वैसे उसके ऊपर दबाव बनाया गया लेकिन वो रुकी नहीं. उन्हें इस दौरान सारथी ट्रस्ट का सहयोग मिला और लंबे संघर्ष के बाद उन्हें जीत भी मिली.

भारतीय समाज में बाल विवाह जैसी कुरीति को लेकर स्वतंत्रता के समय से ही इस कुरीति को खत्म करने का प्रयास किया गया जिसमें राजा राममोहन राय ने सबसे पहले कदम उठाया जब इसमें सुधार नहीं आया तो वे Child Marriage Restraint एक्ट ले आए जिसमें लड़के और लड़कियों की शादी की उम्र निर्धारित कर दी गई थी.

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