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उत्तर प्रदेश के हाथरस में पीड़िता की मौत के बाद मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ मामले में राजनीतिक दल लगातार हाथरस पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, तो दूसरी ओर योगी सरकार द्वारा विपक्षी पार्टियों के गांव में पहुंचने पर रोक जारी है.
देश भर में इस कांड को लेकर बयानबाजी का दौर चल रहा है, तो वहीं हाथरस जिला प्रशासन ने भी पीड़िता के गांव की किलेबंदी कर रखी है पीड़िता के परिवार को प्रशासन की ओर से बंधन बनाकर रखा गया है किसी को परिवार के सदस्यों से मिलने नहीं दिया जा रहा है.
उधर दूसरी ओर इस मामले में पीड़ित परिवार की ओर से हाथरस के डीएम प्रवीण लक्षकार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, आरोप है कि उन्होंने परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट की है और उन लोगों के मोबाइल फोन को भी जब्त कर लिया है.
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गौरतलब है कि एक पीड़ित परिवार से एक लड़का जो कि अपने आपको पीड़िता का भाई बता रहा है मीडिया तक किसी भी तरह छिपते छिपाते पहुंचा, उसने बताया कि प्रशासन ने परिवार का मोबाइल फोन छीन लिया है किसी को भी घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है.
कहा कि मां मीडिया से बात करना चाहती हैं लेकिन पुलिस ने पूरी तरह के घर की किलेबंदी कर रखी है. छत, गली मोहल्ले हर जगह पुलिस तैनात है, कहा कि यही नहीं मेरे ताऊ पीड़िता के पिता के छाती पर डीएम ने लात मारी है जिससे वो बेहोश हो गए थे, सभी को कमरे में बंद कर दिया गया है.

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