कहा जाता है कि अगर आपका आत्मविश्वास मजबूत है तो आप कुछ भी कर सकते हैं. एक ऐसी ही घटना सामने आई है मध्यप्रदेश के भिलाई के रहने वाले एक जवान के दोनों पैर हादसे में चले गए. लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी. वो अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं. और इस कदम में उनका साथ उनकी पत्नी दे रही है.
गौरतलब है कि अभिषेक निर्मलकर एंटी टेरिस्ट स्कवाड में नौकरी करते थे. एक रात वो दानापुर एक्सप्रेस से घर के लिए निकले. वो टेन के गेट पर ही खड़े थे. इस दौरान अचानक बोगी में धक्कामुक्की हुई और वो नीचे गिर गए. जब उनकी आंख खुली तो उन्होंने खुद को अस्पताल में पाया.
उनका एक पैर नहीं था और दूसरा पैर भी सहारा नहीं दे रहा था. दर्द और बेचैनी बढ़ती ही जा रही थी. इसी दौरान डाक्टरों ने बताया कि इनका एक पैर तो कट गया है और दूसरे पैर को भी अलग करना होगा. उसके अगले ही दिन उनके दूसरे पैर को भी आपरेशन कर हटा दिया गया.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक इस हादसे के बाद वो पूरी तरह से बिखर चुके थे उनके कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था. वो तनाव में रहने लगे. इस, दौरान उनकी धर्मपत्नी और परिवार वाले मजबूती के साथ खड़े रहें. पत्नी उनकी जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हो गई, इस दौरान बुजुर्ग पिता ने भी अपने बेटे का इस समय सहारा दिया.
उनकी डेढ़ साल की बेटी और 7 साल का बेचा है. इसके साथ ही एटीएस के अधिकारियों ने भी सहारा दिया. उन्होंने बताया कि वो ड्यूटी पर जा सकते हैं. इसके बाद उन्होंने कृत्रिम पैरों पर खड़े होने का अभ्यास करना शुरु किया. 6 महीने में वो कृत्रिम पैरों से चलन में सफल हो गए. अभ्यास के दौरान वो कई बार गिरे. लेकिन अंत भला तो सफल भला.
धीरे-धीरे पैर जमने लगे तो दोस्तों के साथ बाइक पर बाहर जाने लगे. 20 अक्टूबर को उन्होंने ड्यूटी को दोबारा ज्वाइन कर लिया है. अब वो रोज दोस्त की बाइक पर सवार होकर 35 किलोमीटर दूर जाते हैं इस दौरान वो मोपेड चलाने की भी कोशिश कर रहे हैं और वो इस हादसे को भुलाने की भी कोशिश कर रहे हैं.