बिहार में शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के घूमने और अधिकारियों को फोन करने पर सियासत ने जोर पकड़ लिया है. तेजस्वी द्वापा अधिकारियों को फोन करने पर हमला करते हुए कहा कि तेजस्वी अभी भी खुद को डिप्टी सीएम समझ रहे हैं जनता ने चुनावों में उन्हें नकार दिया है अभी वो उस झटके से बाहर नहीं निकल पा रहे है लालू राज में शिक्षकों को वेतन तक नहीं मिलता था.
जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने इस मसले पर कहा कि तेजस्वी यादव के संविदा शिक्षकों के समर्थन में जाने और अधिकारियों से फोन पर बात करने के अंदाज से ऐसा लगता, है कि वो प्री पोल सिंड्रोम के दायरे से बाहर निकलने को तैयार नहीं हो पा रहे है. जबकि चुनाव नतीजें आए है बिहार में नीतीश कुमार के कद काठी का कोई नेता नहीं है.
समानांतर गतिविधियां चलाकर तेजस्वी यादव असफल कोशिश कर रहे हैं ये नेता प्रतिपक्ष की मर्यादा के खिलाफ है. वहीं दूसरी ओर जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि जिलाधिकारी के साथ तेजस्वी यादव के बर्ताव को शर्मनाक बताते हुए कहा कि लोकतंत्र में खुद को मालिक समझने से मुक्त होना चाहिए. ये व्यवहार ना सिर्फ निंदनीय है बल्कि इसकी हम निंदा भी करते हैं.
तेजस्वी यादव के अंदाज पर बीजेपी ने सवाल उठाते हुए बिहार में अव्यवस्था फैलाने का आरोप लगाया है. पार्टी नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि तेजस्वी यादव अधिकारियों को हड़का रहे है वो बिहार में अव्यवस्था फैलाना चाहते हैं ये कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.