हम सभी लोगों को अपने हाथों की उंगलियों को चटकाने की आदत हो जाती है. कई बार देखने में आता है कि जब हम ये काम कर रहे होते हैं तो हमें घर या परिवार वाले ऐसा काम करने से टोकते भी हैं, जब हम मोबाइल या लैपटाप पर घंटों कम्यूटर पर काम करते हैं तो हमारा अंगड़ाई लेने का मन करता है और हाथ की उंगलियों को चटकाना हमें अच्छा लगता है.
हम सभी चटकाने की आवाज तो सुनते ही हैं लेकिन ऐसा क्यों होता है इसका कारण कई लोगो को नहीं पता होता है गौरतलब है कि उंगलियों के जोड़ और घुटने और कोहनी के जोड़ों में एक खास प्रकार का लिक्विड होता है जिसे synovial fluid कहा जाता है और ये हड्डियों के जोडों में ग्रीस का काम करता है. इसके साथ ही हड्डियों को एक दूसरे से रगड़ खाने से रोकता है.
इस लिक्विड में मौजूद गैस जैसे कार्बन डाई आक्साइड नई जगह बनाती हैं जिससे बुलबुले बन जाते हैं जब हम हड्डी चटकाते हैं तो वही बुलबुले फूट जाते हैं जिससे आवाज आती है. हालांकि उंगिलयों को चटकाना अच्छा है या बुरा इस मामले में अलग-अलग डाक्टरों की अलग-अलग राय है इस बारे में कुछ भी स्पष्ट तथ्य आज तक सामने नहीं आये है लेकिन डाक्टरों को मानना है कि ज्यादा उंगलियां चटकाने से जोड़ों में दर्द की शिकायत हो सकती है.
कई बार ज्यादा चटकाने से लिगामेंट्स के खराब होने की भी शिकायत देखी जाती है. इस आदत को धार्मिक रुप से भी गलत बताया गया है कहते हैं उंगलियां चटकाने से घर की लक्ष्मी खुश नहीं होती है और धन का अभाव हमेशा बना रहता है.