उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय चुनाव को लेकर .यूपी में जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. जहां एक तरफ फाइनल लिस्ट तैयार हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ परीसीमन का कार्य अंतिम चरण में है. इसके जारी होते ही आरक्षण सूची सामने आ जाएगी. हालांकि अभी तक माना जा रहा है कि प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार, जमानत राशि आदि में इस बार किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. यानी कि 2015 के चुनावों जैसा ही खर्च प्रत्याशी कर सकेंगे.

अधिकारियों का इस मामले में कहना है कि शायद इस बार इसमें किसी प्रकार का कोई परिवर्तन हो. अगर 2015 की व्यवस्था पर गौर किया जाए तो जिला पंचायत प्रत्याशी के पद के लिए सबसे ज्यादा डेढ़ लाख रुपये खर्च कर सकते थे, वहीं ग्राम प्रधान पद के लिए अधिकतम 75 हजार रुपये की सीमा थी. अगर जमानत राशि की बात की जाए तो ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने वाले को 2000 हजार रुपये जमा करने होते थे.

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ऐसी थी व्यवस्थाः

नामांकन पत्र की कीमत- 150 रुपये

जमानत धनराशि- 500 रुपये

अधिकतम खर्च- 10 हजार रुपये

ग्राम प्रधान

नामांकन पत्र की कीमत- 300 रुपये

जमानत धनराशि- 2000 रुपये

अधिकतम खर्च- 75 हजार रुपये

सदस्य, क्षेत्र पंचायत

नामांकन पत्र की कीमत- 300 रुपये

जमानत धनराशि- 2000 रुपये

अधिकतम खर्च- 75 हजार रुपये

सदस्य, जिला पंचायत

नामांकन पत्र की कीमत- 500 रुपये

जमानत धनराशि- 4000 रुपये

अधिकतम खर्च- डेढ़ लाख रुपये

गौरतलब है कि अनुसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के लिए ये धनराशि आधी होगी. कहा जा रहा है कि पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी का नामांकन चार-चार सेटों में भरा जाएगा.

अभी आयोग की ओर से नामांकन के दौरान क्या-क्या कार्यवाही करनी है इसकी जानकारी नहीं दी गई है. माना जा रहा है आयोग से पंचायत निर्वाचन कार्यालय को जल्द ही निर्देश जारी हो सकते हैं.

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