उत्तर प्रदेश के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारियों में शुमार किए जाने वाले अधिकारी नवनीत सिकेरा ने सोशल मीडिया खबर देखी कि एक पिता अपने बेटे को साइकिल पर बिठाकर 105 किलोमीटर दूर परीक्षा दिलाने गया था. तीन पेपर थे तो वो लोग तीन दिनों का राशन भी साथ लेकर गए थे. इस स्टोरी को पढ़कर नवीनीत सिकेरा को अपने गुजरे हुए दिनों की याद आ गई. उन्हें भी उनके पिता मांगी हुई साइकिल पर बिठाकर परीक्षा दिलाने गए थे.
सोशल मीडिया पर अपने बीते हुए दिन की कहानी साझा करते हुए उन्होंने लिखा कि ये खबर देखी तो आंखे डबडबा गई अब से कुछ दशक पहले मेरे पिता भी मुझे मांगी हुई साईकल (यह एग्जाम दूसरे शहर में था) पर बिठा कर आईआईटी का एंट्रेंस एग्जाम दिलाने ले गए थे.
वहां पर बहुत से स्टूडेंट्स कारों से भी आये थे, उनके साथ उनके अभिभावक पूरे मनोयोग से उनकी लास्ट मिनट की तैयारी भी करा रहे थे, मैं ललचाई आंखों से उनकी नई नई किताबों (जो मैंने कभी देखी भी नहीं थी) की ओर देख रहा था और मैं सोचने लगा कि इन लड़कों के सामने मैं कहाँ टिक पाऊंगा, और एक निराशा सी मेरे मन में आने लगी.
मेरे पिता ने इस बात को नोटिस कर लिया और मुझे वहां से थोड़ा दूर अलग ले गए और एक शानदार पेप टॉक (उत्साह बढ़ाने वाली बातें) दी. उन्होंने कहा कि इमारत की मजबूती उसकी नींव पर निर्भर करती है नाकि उस पर लटके झाड़ फानूस पर, जोश से भर दिया उन्होंने फिर एग्जाम दिया. परिणाम भी आया, आगरा के उस सेन्टर से मात्र 2 ही लड़के पास हुए थे जिनमें एक नाम मेरा भी था. (आईपीएस नवनीत सिकेरा की फेसबुक वॉल से)