आज के दौर में जींस बहुत ही आम पहनावा हो गया है. पुरूष और महिलाएं दोनों ही जींस पहनना पसंद कर रहे हैं. पहले महिलाओं की जींस पुरूषों की जींस से काफी अलग होती थी मगर अब धीरे-धीरे ये फर्क खत्म हो रहा है और बदलते फैशन की दुनिया में दोनों की जींस में कोई खास फर्क नहीं रह गया है.

जींस की पॉकेट पर बटन लगाने का इतिहास साल 1829 से संबंधित है. उस समय जींस का निर्माण करने वाली कंपनी लिवाइस स्ट्रॉस थी. उस समय जो लोग खदानों में काम करते थे वो लोग जींस पहनते थे. काम करने वाले मजदूरों की शिकायत रहती थी कि अक्सर उनकी जींस की जेब फट जाया करती है.

जैकब डेविस नाम के टेलर ने उनकी इस परेशानी को खत्म करने के लिए जींस की पॉकेट के किनारों पर छोटे बटन लगा दिए जिन्हें रिवेट्स कहते हैं. इसके लगने से पॉकेट को मजबूती मिल गई और मजदूरों की परेशानी दूर हो गई. जैकब अपने नाम से इस अविष्कार को पेटेंट कराना चाहते थे मगर उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो ऐसा कर पाएं.

इसके बाद उन्होंने लिवाइस कंपनी को खत लिखकर अपनी इस खोज और अपनी समस्या के बारे में अवगत कराया. जैकब का लेटर पढ़ने के बाद लिवाइस कंपनी ने जींस की जेब पर बटन लगाने की शुरूआत कर दी और जैकब को कंपनी का प्रोडक्शन मैनेजर बना दिया.

तब से लेकर अब तक जींस की जेब पर बटन लगाने का सिलसिला चल रहा है, हालांकि अब ये मजबूती के लिए कम और फैशन के लिए ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है.

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