केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों का विरोध लगातार जारी है. किसान सड़कों पर तो विपक्षी दल संसद में खुलकर इन कानूनों का विरोध कर रहा है और सरकार से इसे वापस लेने की मांग पर अड़ा हुआ है. फिलहाल सरकार इन कानूनों को वापस लेने को तैयार नहीं है.

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत सोमवार को लखनऊ पहुंचे और उन्होंने एलान कर दिया कि जल्द ही हम लखनऊ को दिल्ली की तरह चारो ओर से घेरेंगे. राजधानी आने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया जाएगा.

राकेश टिकैत ने कहा कि योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपी में बिजली सबसे महंगी है, महंगाई की वजह से किसानों की कमर टूट गई है. प्रदेश का किसान आवारा पशुओं की समस्याओं से त्रस्त है और गौशालाओं के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में गेहूं की खरीद में जमकर घोटाला हुआ है और जल्द ही हम इसका खुलासा करेंगे. हम सभी जरूरी दस्तावेज जुटा रहे हैं.

भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन चार चरणों में होगा. पहले हम सभी किसान संगठनों से संपर्क करेंगे, फिर मंडलवार किसान कन्वेंशन और बैठके की जाएंगी उसके बाद सभी मंडल मुख्यालयों पर महापंचायत आयोजित की जाएगी.

राकेश टिकैत ने कहा कि पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत होगी, इस दौरान आगे की रणनीति बनाई जाएगी. किसान नेताओं ने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार बिना शर्त इन कानूनों को वापस ले, लेकिन सरकार मान नहीं रही है.

उन्होंने कहा कि हम मिशन यूपी व उत्तराखंड शुरू कर रहे हैं. इसके तहत हम गांव-गांव जाकर भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बहिष्कार की अपील करेंगे.

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