उत्तर प्रदेश के कन्नौज में एक 10वीं पास महिला ने वो कर दिखाया जिसकी चर्चा न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी हो रही है. खेत में जलभराव की समस्या का ऐसा समाधान निकाला कि दूर-दूर से देखने के लिए लोग यहां आ रहे हैं. छोटा सा आइलैंड देख लोग हैरान हैं.
यह आइलैंड आकर्षक का केंद्र बिंदु बन गया है. दूर-दूर से लोग देखने के लिए आ रहे हैं. महिला के इस साहस को देखते हुए गूगल ने भी सम्मानित किया है. गूगल की ओर से एक सम्मान पत्र दिया गया है.
कन्नौज के तिर्वा तहसील क्षेत्र के बथुइंया गांव की रहने वाली किरण कुमारी राजपूत के पास उमर्दा ब्लॉक के ग्राम गुन्दहा में 23 बीघा जमीन है. खेत के ज्यादातर हिस्से में पानी भरा रहता था. जिसके चलते खेती करने में समस्या होती थी. किरण कुमारी ने सोचा कि क्यों न खेत में पानी भरे हिस्से को तालाब में बदल दिया जाए.
किरण कुमारी ने खेत में जल भराव की समस्या को अपना हथियार बनाया. साल 2016 में जल प्लावन योजना के तहत प्रशासन से दो लाख रूपये लिए थे. कुछ जमा पूंजी और रिश्तेदारों से उधार लेकर मछली पालन शुरू किया. 23 बीघे जमीन पर तालाब का काम शुरू करने में करीब 11 लाख रूपये खर्च आया.
मुनाफा होने पर बेटे शैलेन्द्र की मदद से व्यापार को बड़ा किया. तालाब के बीच में एक बीघा का आइलैंड बनाया. जिसमें आम, अमरुद, केला, करौंदा, पपीता, सहजन के पेड़ और फूलों के पौधे लगाकर बगीचा बना दिया. पानी के बीच बना आइलैंड का केंद्र बना और यहां घूमने के लिए लोगों का आना जाना शुरू हो गया. आइलैंड में घूमने के साथ ही लोग वोटिंग भी करते हैं. किरण के अस्वस्थ होने पर इस आइलैंड की देखभाल उनका बेटा शैलेन्द्र कर रहा है.
शैलेन्द्र ने बताया कि तालाब में कत्तल, नैन, चाइना फिश, सीलन, ग्रास कतर और सिल्वर मछलियां हैं. मछली पालन और फल बेचकर हर साल करीब 20 से 25 लाख मिल जाते हैं. इसमें पांच से सात लाख के करीब उनको बच जाते हैं.