राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक बार फिर से पूरे रौ में दिखाई दे रहे हैं. अरुणांचल प्रदेश में जेडीयू के विधायकों के बीजेपी में जाने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खेमे में पैनी नजर बनाए हुए हैं. ताजा हालातों को देखते हुए लालू ने बिहार की सत्त पर काबिज होने के लिए राजद का मास्टर प्लान बनाया है.
इस बाबत तेजस्वी यादव को निर्देश दिए गए हैं इसके साथ ही राजद के विधायकों को अलग-अलग काम के लिए निर्देशित किया गया है. बिहार चुनाव के बाद और अरुणाचल प्रदेश में चला सियासी घटनाक्रम जो कि बिहार में सत्ता परिवर्तन के समीकरण की ओर इशारा कर रहा है.
इसी बाबत राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव के साथ लगातार संपर्क में हैं और वो दिन में तीन से चार बार बात करके बिहार की जानकारी ले रहे हैं. झारखंड़ से जुड़े राजद के विश्वनीय सूत्रों की मानें तो मौजूदा हालातों में लालू यादव ने पार्टी के नेताओं को दो अलग-अलग मोर्चे पर लगाया है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी को जनता परिवार के रिश्तों को हवाला देकर जेडीयू के शीर्ष नेताओं को साधने की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी व श्याम रजक जैसे नेताओं को बयानों के जरिए पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का टास्क दिया गया है.
वहीं परिवार और राजद नेताओ को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधे राजनीतिक हमला करने से परहेज करने के लिए कहा गया है. यही कारण है कि परिवार का कोई भी सदस्य फिलहाल कहीं कुछ नहीं बोल रहा है.