6174 को देखने में ये कोई मैजिकल नंबर नहीं लगता है. लेकिन, जब आब इसका रहस्य जानेंगे तो आप सोचेंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है. साल 1949 से लेकर यह अभी तक गणितज्ञों के लिए पहेली बना हुआ है. दरअसल, किसी विशेष तरीके से आप काफी देर तक कैल्कुलेशन करते हैं तो इसका जवाब 6174 ही आता है.

भारतीय गणितज्ञ दत्तात्रेय रामचंद्र काप्रेकर ने इस नंबर की जानकारी दी थी. जिसके बाद लोग इस पर रिसर्च में लग गए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक मुंबई विश्वविद्यालय से पढ़े रामचंद्र काप्रेकर मुंबई के देवलाली कस्बे के एक स्कूल में पढ़ाते थे.

कैसे है ये नंबर ख़ास?

अगर कोई चार अलग-अलग अंकों की संख्या लेते हैं और उसके चार नंबर की सबसे छोटी संख्या बनाकर उसमें से घटाते हैं, अब जो संख्या आती है, उस संख्या के साथ भी ऐसा ही करते हैं तो एक संख्या और आती है. अगर ऐसा लगातार करते रहें तो इसका जवाब 6174 ही आता है.

इस उदहारण से समझिए 

  • आपने चार अंक लिए 5246. अब इस संख्या से छोटी सबसे छोटी संख्या बनाकर उसमें से घटाते हैं. अब संख्या बनेगी 2465. इसे 5246 में से घटाएंगे तो 2781 बचेंगे.
  • अब ये ही 2781 के साथ करेंगे और पहले इससे सबसे बड़ी संख्या बनाएंगे जो है 8721, और इससे सबसे छोटी संख्या बनाएंगे जो है 1278. अब इसे 8721 में से घटाएंगे तो 7443 बन जाएंगे.
  • ऐसा ही 7443 के साथ ऐसा करेंगे, इससे बड़ी संख्या बनेगी 7443 और छोटी संख्या बनेगी 3447. इसमें 7443 में से 3447 घटाएंगे तो 3996 बचेंगे.
  • अब 3996 के साथ ऐसा करेंगे, इससे बड़ी संख्या बनेगी 9963 और छोटी संख्या बनेगी 3699. इसमें 9963 में से 3699 घटाएंगे तो 6264 बचेंगे.
  • 6264 के साथ ऐसा करेंगे, इससे बड़ी संख्या बनेगी 6642 और छोटी संख्या बनेगी 2466. इसमें 6642 में से 2466 घटाएंगे तो 4176 बचेंगे.
  • 4176 के साथ ऐसा करेंगे, इससे बड़ी संख्या बनेगी 7641 और छोटी संख्या बनेगी 1467. इसमें 7641 में से 1467 घटाएंगे तो 6174 बचेंगे, जो मैजिकल नंबर है.

यह आप दूसरी संख्या के साथ भी कर सकते हैं. लेकिन लगातार कैल्कुलेशन के बाद जवाब 6174 ही आता है.

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