उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव और 10 सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले बसपा में हुई बगावत ने पार्टी को परेशान कर दिया है. आज मायावती ने सभी बागी विधायकों पर एक्शन लिया और बताया कि अब आगे उनकी क्या रणनीति होगी.

मायावती के लिए राहत की बात है कि बसपा प्रत्याशी का नामांकन स्वीकार कर लिया गया है और उसके मुकाबले खड़े हुए सपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार प्रकाश बजाज का नामांकन रद्द हो गया है. अब बसपा के उम्मीदवार का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है.

पार्टी में हुई बगावत पर चुप्पी तोड़ते हुए मायावती ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान सपा और बसपा का गठबंधन उनकी एक बड़ी गलती थी. उन्होंने कहा कि सपा के पारिवारिक विवाद के चलते बसपा को कुछ भी हासिल नहीं हुआ. लोकसभा चुनाव के बाद सपा का रूख ही बदल गया.

मायावती ने कहा कि सपा के कहने पर हमने 2 जून 1995 का केस वापस लेकर बहुत बड़ी गलती कर दी, हमें इसपर गहनता से विचार करना चाहिए था.

बसपा सुप्रीमों ने कहा कि हमने फैसला किया है कि भविष्य में होने वाले विधान परिषद के चुनावों में सपा के प्रत्याशी को हराने के लिए हम पूरी ताकत झोकेंगे. इसके लिए चारहे हमें बीजेपी के प्रत्याशी को वोट देना पड़े तो भी हम देंगे मगर सपा को जीतने नहीं देंगे.

मायावती ने बसपा के बागी विधायक असलम राईनी, असलम चौधरी, मुजतबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद, हरगोविंद भार्गव, सुषमा पटेल, वंदना सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया है.

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