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कहते हैं कि कभी भी मां की ममता को आंका नहीं जा सकता, जो मां बच्चे को चलना सिखाती है, जीवन जीने का सलीका सिखाती है, जीवन में कैसे आगे बढ़ा जाए इस बारे में बताती है. उसी मां को सहारे के समय दर बदर की ठोकरे खाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. ऐसा ही एक मां के साथ हुआ जब वो कोरोना वायरस को हराकर घर वापस आई तो घर में ताला लटका हुआ मिला. मां के घर पहुंचने से पहले ही बेटा और बहू घर में ताला डालकर कहीं फरार हो गए.

इस मामले में पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. पुलिस अफसरों ने बेटे और बहू की काउंसलिंग की, इसके बाज जाकर मां को घर के अंदर ठिकाना मिला. बेटे-बहू के घर को छोडकर भाग जाने के बाद तीन दिनों तक पड़ोसियों ने खाना खिलाया और सेवा की. इस दौरान पड़ोसियों ने तेलंगाना पुलिस को सूचना दे दी. तेलंगाना के पुलिस, महानिदेशक ने पूरे घटनाक्रम का ब्योरा ट्वीट करते हुए लिखा- शर्मनाक है, हमें इस तरह से किसी के बेटे को समझाना पड़ता है कि मां की देखभाल करो, आखिर ये समाज किस ओर जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक तेलंगाना के निजामाबाद में कोरोना संक्रमण को मात देकर घर लौटी बुजुर्ग मां को उक्त समय जिंदगी से निराशा मिली जब बेटे और बहू ने घर में साथ में रहने से इंकार कर दिया, मां के अस्पताल से आने के पहले ही वो दोनों घर में ताला लगातार कहीं और चले गए, महिला तीन दिनों तक घर के बाहर बैठी रही इस दौरान पड़ोसियों ने खाने का प्रबंध किया.

पुलिस के मुताबिक महिला के पति ने दूसरी महिला से शादी कर ली है पति को छोड़कर जाने के बाद वो अपने बेटे के साथ ही रहती थी लेकिन बहू के साथ मां की अनबन के कारण बेटे ने उन्हें वृद्धाश्रम में भर्ती करा दिया था. वृद्धाश्रम में कोरोना के लक्षण मिलने के बाद सभी बुजुर्गों का टेस्ट कराया, इस टेस्ट में महिला की रिपोर्ट भी पाजिटिव आ गई. उसके बाद महिला का इलाज कराया गया, ठीक होने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया. जब वह घर पहुंची तो बेटा और बहु घर में ताला जड़कर कहीं फरार हो गए.

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