कांग्रेस के कद्दावर नेता और एमपी से दो बार सांसद रहें मोतीलाल वोरा का 93 साल में निधन हो गया है. मोतीलाल वोरा गांधी परिवार के काफी करीबी माने जाते रहे हैं. इसके साथ ही वे लंबे समय तक पार्टी के कोषाध्यक्ष के रुप में रहे हैं.
मोतीलाल वोरा छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद थे इसके साथ ही वो दो बार मध्यप्रदेश जैसे सूबे के सीएम भी रहे. मोतीलाल वोरा सीएम पहने से अर्जुन सिंह की सरकार मे कैबिनेट मंत्री हुआ करते थे. पहली बार वो सीएम 13 मार्च 1985 में बने. जबकि दूसरी बार वो सीएम 25 जनवरी 1989 में बने. हालांकि इस बार उनका कार्यकाल 11 महीने का ही था.
ये था वाक्या सिफारिश कर रहे थे मंत्री बनने की और बन गए सीएम
8 दिसंबर 1989 को उन्हें सीएम की कुर्सी को छोड़ना पड़ा था. साल 2019 में मोतीलाल वोरा को अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा था लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था. साल 1985 में हुए विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद अर्जुन सिंह ने 9 मार्च 1985 को बतौर सीएम के रुप में शपथ ली.
शपथ लेने के बाद 10 मार्च को वो राजीव गांधी के पास मंत्रिमंडल की सूची लेकर गए. लेकिन राजीव गांधी अब एमपी की राजनीति में अर्जुन सिंह को नहीं चाहते थे. उन्होंने इस दौरान 2 टूक शब्दों में कह दिया था कि वे अपनी पसंद के सीएम का नाम बताकर 14 मार्च को पंजाब में पहुंच जाएं, इसके बाद उन्होंने मोतीलाल वोरा का नाम सुझाया था.
इसके बाद अर्जुन सिंह ने अपने बेटे अजय सिंह को फोन किया था कि मोती लाल वोरा को स्पेशल विमान से लेकर दिल्ली आ जाए. स्पेशल विमान से लेकर अजय सिंह, मोतीलाल वोरा को लेकर दिल्ली रवाना हो गए.
वोरा को इस दौरान कुछ समझ नहीं आ रहा था. इस दौरान वो अजय सिंह से अर्जुन सिंह के कैबिनेट में मंत्री बनने के लिए सिफारिश करवा रहे थे.
उस समय रुस दौरे पर निकल रहे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से उनकी पालम एयरपोर्ट पर मुलाकात हुई इस दौरान मोतीलाल वोरा को देखते ही राजीव गांधी ने उनसे कह दिया कि आप मध्यप्रदेश के सीएम हैं इस दौरान वहां अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह मौजूद थे.