सोशल मीडिया पोस्ट पर कार्रवाई का आदेश जारी करने के बाद बिहार सरकार ने एक विवादित फैसला लिया है. सरकार की ओर से आदेश जारी कर कहा गया है कि सड़क जाम करने वालों को सरकारी नौकरी और सरकारी ठेके से वंचित रखने का प्रावधान किया गया है.
सरकार की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति विधि-व्यवस्था की स्थिति, विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम इत्यादि मामलों में संलिप्त होकर किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होता है और उसे इस कार्य के लिए पुलिस के द्वारा आरोप पत्रित किया जाता है तो उनके सम्बन्ध में चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में विशिष्ट एवं स्पष्ट रूप से प्रविष्टि की जाए. ऐसे व्यक्तियों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि उनमें सरकारी नौकरी/सरकारी ठेके आदि नहीं मिल पाएंगे.
आगे कहा गया कि पुलिस द्वारा किसी भी व्यक्ति के सम्बन्ध में समर्पित सत्यापन प्रतिवेदन अत्यंत ही संवेदनशील दस्तावेज है. इसे बिना आवश्यक विलम्ब के आवेदक को परेशान किए बगैर सही-सही तैयार किया जाना आवश्यक है.
सरकार के इस आदेश पर तेजस्वी यादव ने निशाना साधा है. तेजस्वी ने अपने ट्वीट में लिखा कि मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते है अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी. मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे. आगे कहा कि बेचारे 40 सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे हैं?