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दुनिया में जहां एक और मनुष्य चांद पर घर बनाने की बात कर रहा है तो दूसरी ओर हमारे देश में अंधविश्वास के मामले में अभी भी अलग-अलग मामले सामने आते रहते हैं. ऐसी ही एक मान्यता है कि जहां मध्यप्रदेश के सीहोर की इछावर तहसील के गांव देवपुरा स्थित बाराखंभा मंदिर में भगवान पशुपतिनाथ की सिला पर प्रत्येक वर्ष किसानों और आदिवासियों द्वारा पशुओं की समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना में हजारों टन दूध चढ़ाया जाता है.

दूध की मात्रा इतनी अधिक हो जाती है कि दूध की मोटी धारा लगातार मंदिर के पीछे एक दूध के तालाब का निर्माण कर देती है. प्राचीन मिथकों और परंपराओं की बात की जाए तो यहां के किसान और आदिवासी अपने दुधारु पशुओं की समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ के लिए इस कार्य को करते हैं.

कहा जाता है कि इस दिन दूध की एक बूंद का भी इस्तेमाल पशु मालिकों के द्वारा नहीं किया जाता है. भगवान पशुपतिनाथ की सिला पर प्रत्येक साल दीपावली की पड़वा को आसपास और जिले के बाहर के हजारों किसान और आदिवासी अपने दुधारु पशुओं की समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ के लिए एक दिन का पूरा दूध चढ़ा देते हैं.

यहां एक वृहद मेले की शक्ल में हजारों लोग अपनी आस्था, श्रद्धा और विश्वास की त्रिवेणी को अपना रुप मानते हैं. इस दौरान हालात ये हो जाते हैं कि दूध की मोटी धारा एक बड़े तालाब का निर्माण कर देती है.

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