बिहार में नितीश कुमार को सातवीं बार गद्दी तो मिल गई है मगर इस बार उनकी राह थोड़ी कठिन दिखाई दे रही है. मुख्यमंत्री बनने से लेकर अब तक का समय नितीश कुमार के लिए ठीक साबित नहीं हुआ. उनके एक मंत्री को विपक्ष के दबाव में आकर कुछ ही घंटों के बाद इस्तीफा देना पड़ गया.

नितीश सरकार में शिक्षा मंत्री बने मेवालाल के इस्तीफे के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर अब स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय आ गए हैं. राजद और भाकपा माले मंगल पांडेय के इस्तीफे की जोरदार तरीके से मांग कर रहे हैं.

उनका कहना है कि मंगल पांडेय के कार्यकाल में बिहार की स्वास्थ्य सेवाएं बेहद खस्ता रहीं इसके बावजूद फिर से उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बना दिया गया.

राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि कोरोनाकाल के समय बिहार की स्वास्थ्य सेवाएं कितनी बदहाल थी ये किसी से छुपा नहीं है. इसके बावजूद नितीश कुमार ने मंगल पांडेय को फिर से स्वास्थ्य मंत्री का पद दे दिया.

उनकी मांग है कि बिहार में नए चेहरे को स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि वो एक कठपुतली हैं डोर तो किसी और के हाथ में है.

भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि मंगल पांडेय जैसे मंत्रियों को तत्काल मंत्रीमंडल से बाहर किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के समय मंगल पांडेय नाकारा साबित हुए. इससे पहले भी उनकी बर्खास्तगी की मांग उठ रही थी लंकिन उन्हें फिर से स्वास्थ्य मंत्री बना दिया गया.

बता दें कि इससे पहले विपक्षी दलों ने सरकार पर दबाव बनाकर शिक्षामंत्री बने मेवालाल को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया था. इसके बाद विपक्षी दलों के हौसले बुलंद हैं. अब वो मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

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