पीडीए गठबंधन से बिहार के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव बिहार के चर्चित नेताओं में से एक हैं. वो राजनीति के अलावा समाजिक कार्यों की वजह से भी चर्चा में बने रहते हैं. बाढ़ का समय हो या लॉकडाउन की परिस्थिती, हर बार उन्होंने लोगों की खुलकर मदद की है.

राजनीतिक जीवन के अलावा उनका निजी जीवन भी काफी उतर चढ़ाव भरा रहा. पप्पू यादव ने अपने जीवन पर लिखी किताब द्रोहकाल का पाथिक में अपने प्रेम प्रसंग और शादी के बारे में खुलकर चर्चा की. उनकी लवस्टोरी से लेकर शादी तक का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है.

पप्पू यादव साल 1991 में एनएसए के तहत पटना की बांकीपुर जेल में बंद थे. इस दौरान वो जेल अधीक्षक के आवास से सटे मैदान में खेलते हुए लड़कों को देखा करते थे. इन्हीं लड़कों में पप्पू यादव की पत्नी का भाई विक्की भी था. धीरे-धीरे पप्पू यादव और विक्की में दोस्ती हो गई.

एक बार पप्पू यादव ने विक्की के एलबम में उसकी बहन रंजीत की टेनिस खेलते हुए फोटो देखी. रंजीत की फोटो देखकर ही पप्पू यादव उन्हें दिल दे बैठे. जेल से रिहा होने के बाद पप्पू यादव अक्सर उस टेनिस क्लब जाने लगे जहां रंजीत खेलती थीं. रंजीत को पप्पू यादव का आना जाना अच्छा नहीं लगता था.

उन्होंने कई बार पप्पू यादव को मना किया और कठोर शब्द तक कह डाले, मगर पप्पू यादव का प्यार उन्हें रंजीत से दूर नहीं होने दे रहा था. जब पप्पू नहीं माने तो रंजीत ने कहा कि तुम हिंदू परिवार से हो और मैं सिख परिवार से, दोनों के परिवार वाले कभी हमारी शादी के लिए राजी नहीं होंगे.

रंजीत की बेरूखी पप्पू यादव सह नहीं पाए और उन्होंने ढेर सारी नींद की गोलियां खा ली. हालत बिगड़ी तो उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. इस घटना की जानकारी रंजीत को मिली तो उनका दिल पिघल गया. इसके बाद वो भी पप्पू यादव को पसंद करने लगीं मगर शादी को लेकर अभी भी तस्वीर साफ नहीं थी.

रंजीत के पिता शुरू से ही इस रिश्ते के खिलाफ थे. हालांकि पप्पू यादव का परिवार इस रिश्ते से राजी था. पप्पू के परिवार वाले रंजीत के घरवालों को मनाने चंडीगढ़ भी गए मगर बात नहीं बनी. पप्पू यादव फिर निराश हो गए, इसी दौरान किसी ने उन्हें कांग्रेस नेता एसएस आहूवालिया से मिलने की सलाह दी और कहा कि वो आपकी शादी करा सकते हैं.

पप्पू तुरंत दिल्ली पहुंचे और एसएस आहूवालिया से मुलाकात कर पूरी कहानी विस्तार से बताई. इस घटना भी जिक्र उन्होंने अपनी किताब में ही किया है. आहूवालिया ने रंजीत के परिजनों से बात की और उन्हें शादी के लिए राजी कर लिया. लगभग दो साल चले प्रेम प्रसंग के बाद फरवरी 1994 में दोनों की शादी हो गई.

इस शादी में लालू यादव, डीपी यादव, राज बब्बर सहित तमाम दिग्गज नेता पहुंचे थे. पप्पू यादव आज भी अपनी पत्नी की तारीफ करते थकते नहीं हैं. वो कहते हैं कि रंजीत का व्यक्तित्व बहुत अच्छा है, वो लाग पलेट कर बातें नही करती. वो अपने बच्चों की बेस्ट मां हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here