केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए नए कृषि कानून को लेकर सड़क पर उतरे किसान किसी प्रकार से भी सरकार के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं है. किसानों की नाराजगी को देखते हुए हरियाणा में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेजेपी की चिंता बढ़ गई है. किसान आंदोलन की रफ्तार अगर और बढ़ती है तो हरियाणा में जेजेपी के सहयोग से चल रही खट्टर सरकार की परेशानी में और इजाफा हो सकता है.
पिछले कुछ दिनों से खबर आ रही हैं कि हरियाणा में बीजेपी की सहयोगी जेजेपी इस आंदोलन को लेकर बीजेपी पर दबाव बढ़ाने लगी है. बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेजेपी में भी कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा सरकार में अलग होने की मांग तेज होने लगी है.
हाल ही में दुष्यंत चौटाला ने इस संदर्भ में विधायकों के साथ बैठक की. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व में जेजेपी विधायकों की एक बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में विधायकों ने दुष्यंत चौटाला से खट्टर सरकार से समर्थन वापस लेने की मांग को तेज कर दिया है. जिसके बाद हरियाणा में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार किसान आंदोलन को लेकर दुष्यंत चौटाला इस समय केंद्र सरकार के बड़े नेताओं के साथ संपर्क बनाए हुए हैं. बीजेपी पर इस मामले को लेकर जल्द से जल्द समाधान निकालने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. गौरतलब है कि 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी ने बहुमत नहीं पाया था उस समय जेजेपी ने बीजेपी को समर्थन देकर सरकार वापिस कराने में अहम भूमिका निभाई थी. अगर जेजेपी, बीजेपी से समर्थन वापस ले लेती है तो हरियाणा में बीजेपी की सरकार गिरना तय है.