त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को समय पर संपन्न नहीं कराया जा सकेगा. चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूची के प्रकाशन तिथि को आगे बढ़ा देने से अब चुनाव अप्रैल-मई तक होने की संभावना जताई जा रही है. गौरतलब है कि ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर को खत्म हो रहा है.

पंचायती राज नियमावली के मुताबिक कार्यकाल खत्म होने के पहले ही नई पंचायत का गठन हो जाना चाहिए लेकिन अभी तक कोरोना के चलते लग नहीं रहा है कि ऐसा संभव होगा.

शुरुआती दौर में चुनावों को फरवरी महीने में कराए जाने की तैयारी थी लेकिन कई जिलों में परिसीमन, आरक्षण, समेत कई अन्य तकीनीकी खामियों के कारण ये संभन नहीं हो सका.

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इसी बीच चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूची की प्रकाशन तिथि को बढ़ाकर 29 दिसंबर से 22 जनवरी को कर दिया गया. इसके चलते फरवरी में चुनाव कराए जाने की संभावना जो दिख रही थी वो भी समाप्त होती नजर आई.

चुनाव प्रक्रिया से सीधे जुड़े अधिकारियों का कहना है कि फरवरी से मार्च आखिरी तक बोर्ड एम्तिहान होंगे इसके बाद करीब एक माह गेंहू की कटाई का सत्र होगा. ऐसे में अप्रैल-मई के बीच ही चुनाव कराने का मौका सरकार को मिलेगा.

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