छत्तीसगढ़ के कोरबा में किसान काले के बाद अब लाल चावल की खेती भी करने लगे हैं. सफ़ेद चावल के मुकाबले लाल चावल से उनकी तीन गुणा अधिक कमाई हो रही है. सेहत के लिए लाल चावल को बेहद फायदेमंद माना जा रहा है. एक्सपर्ट का दावा है कि लाल चावल में फाइबर, विटामिन बी, जिंक, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, सैलीनियम और काफी एंटीओक्सिडेंट होते है, जो सफ़ेद और ब्राउन राइस की तुलना में 10 गुणा ज्यादा पौष्टिक है.

इसी साल मार्च महीने में भारत के इस चावल को अमेरिका में पहली खेप पहुंचाई गयी थी. सरकार का कहना है कि लाल चावल के निर्यात में वृद्धि होने से ब्रह्मपुत्र के बाढ़ वाले मैदानी इलाकों के किसान परिवारों की आय में इजाफा होगा.

किसे कहते हैं लाल चावल?

सफ़ेद चावल को पॉलिशिंग और रिफाइंड जैसे कई प्रोसेस से गुजरना पड़ता है. लेकिन, लाल चावल को रिफाइंड नहीं किया जाता. सिर्फ धान का छिलका हटाने के बाद पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि यह चावल सफ़ेद के मुकाबले पकने में कुछ अधिक समय लेता है. लेकिन, सेहत के लिए काफी फायदेमंद है. दिखने में यह काफी हद तक ब्राउन राइस की तरह होते हैं.

लाल चावल डायबिटीज के लोगों के लिए लाभकारी है. इसमें खून में ग्लूकोज की मात्रा नियंत्रित रहती है और ब्लड शुगर भी नहीं बढ़ता. शरीर में होने वाली जलन, एलर्जी आदि को कम करने में सहायक है.

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