उत्तर प्रदेश की 12 विधान परिषद सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए जोर आजमाइश शुरू हो गई है. सपा की ओर से दो प्रत्याशी घोषित होने के बाद मुकाबला और भी दिलचस्प होने की उम्मीद है. एक सीट तो सपा आसानी से जीत लेगी मगर दूसरी सीट के लिए विधायकों का जुगाड़ करना पड़ेगा.

यूपी एमएलसी चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है. अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. 28 जनवरी को होने वाले इस चुनाव के लिए नामांकन का अंतिम दिन 18 जनवरी है. नामांकन पत्रों की जांच की तारीख 19 जनवरी व नाम वापसी की अंतिम तिथि 21 जनवरी है.

जिन 12 सीटों पर चुनाव होना है उनमें से 6 सपा, 3 बीजेपी और 3 बसपा के पास थीं. मौजूदा समीकरण के हिसाब से 10 सीटों पर भाजपा और एक सीट पर सपा की जीत तय मानी जा रही है. एक सीट के लिए मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है. सपा, बसपा और भाजपा में से ये इस सीट पर कौन कब्जा करता है ये देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा.

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समाजवादी पार्टी की ओर से वरिष्ठ नेता अहमद हसन और राजेंद्र चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया है. अब तक प्राप्त जानकारी के मुताबिक 18 नामांकन प्रपत्र खरीदे गए हैं जिनमें से 10 भाजपा, दो बसपा, दो सपा और चार निर्दलीयों ने खरीदे हैं.

एमएलसी चुनाव के लिए बसपा की ओर से नामांकन पत्र खरीदने से ये लग रहा है कि बसपा भी प्रत्याशी उतरने की तैयारी में है. अब देखना ये है कि राज्यसभा चुनाव की तरह भाजपा बसपा का अंदरखाने समर्थन करती है या फिर गणित कुछ और ही है.

यूपी विधानसभा में दलों की स्थिती देखें तो बीजेपी के पास 309, सपा के पास 48, बसपा के पास 18, अपना दल एस के पास 9, कांग्रेस के पास 7, सुभासपा के पास 4, आरएलडी के पास एक और अपना दल का एक विधायक है. एक एमएलसी सीट के लिए 32 वोटों की जरूरत पड़ेगी.

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