कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध लगातार जारी है. कल सुप्रीमकोर्ट के इन कानूनों के लागू होने से रोक लगाने के फैसले के बावजूद किसान अपना आंदोलन समाप्त करने को तैयार नहीं हैं. उनकी मांग है कि सरकार ये तीनों कानून वापस ले तभी वो अपने घर जाएंगे. किसानों के आंदोलन को विपक्षी दल खुलकर समर्थन कर रहे हैं.

कांग्रेस पार्टी शुरू से ही किसानों के समर्थन में खुलकर खड़ी है और सरकार को घेर रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं. आज उन्होंने कहा कि 60 से ज्यादा अन्नदाताओं की शहादत से मोदी सरकार शर्मिंदा नहीं हुई लेकिन ट्रैक्टर रैली से इन्हें शर्मिंदगी हो रही है.

कल सुप्रीमकोर्ट द्वारा गठित की गई कमेटी को लेकर राहुल गांधी ने कहा था कि क्या कृषि विरोधी कानूनों का लिखित समर्थन करने वाले व्यकितयों से न्याय की उम्मीद की जा सकती है? उन्होंने कहा कि ये संघर्ष किसान-मजदूर विरोधी कानूनों के खत्म होने तक जारी रहेगी.

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा था कि सरकार की सत्याग्रही किसानों को इधर-उधर की बातों में उलझाने की हर कोशिश बेकार है. अन्नदाता सरकार के इरादों को समझता है. उनकी माँग साफ़ है, कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो, बस!

बता दें कि किसानों ने कहा है कि इस बार 26 जनवरी को वो हाथों में तिरंगा लेकर ट्रैक्टर रैली निकालेंगे. वो इस रैली का रिर्हसल भी कर चुके हैं.

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