आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सांसद हैं. आजमगढ़ समाजवादियों का गढ़ रहा है. लेकिन यहां पार्टी नेताओं में अब गुटबाजी इस कदर है कि पिछले एक साल में पार्टी एक जिलाध्यक्ष नहीं चुन पाई है. इस बीच आजीवन सपा का झंडा उठाने वाले एक नेता का जिलाध्यक्ष पद को लेकर बयान सामने आया है.

साल 1992 में जब समाजवादी पार्टी का गठन हुआ तो सदर विधानसभा के चक भाई खां के गांव के रहने वाले केदार यादव ने सपा का झंडा थाम लिया. केदार सपा का जमकर प्रचार करते हैं.

केदार का कहना है की जब से सपा का गठन हुआ तब से यादव ही आजमगढ़ का जिलाध्यक्ष बना. समाजवादी पार्टी एक धर्म निर्पेक्ष पार्टी है. हम सभी जाति और धर्म के लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास करते हैं. पार्टी पर जब जातिवाद का आरोप लगता है तो दुख होता है. इसलिए मैं चाहता हूं कि इस बार किसी ऐसे गैर यादव को जिलाध्यक्ष बनाया जाए जो सर्व समाज को पार्टी से जोड़कर उसे मजबूत बना सके.

कहा की अगर जिलाध्यक्ष चौहान अथवा राजभर समाज का हो तो सबसे बढ़िया होगा. वह दावा करते हुए आगे कहते हैं कि अगर गैर यादव जिलाध्यक्ष बनता है तो पार्टी और मजबूत होगी. आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज करेगी और अखिलेश यदव एक बार फिर मुख्यमंत्री के पद पर बैठेंगे.

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