उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव का मुकाबला अब काफी दिलचस्प हो गया है. सपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के मैदान में आ जाने से बसपा और भाजपा दोनों के गणित फेल होते नजर आ रहे हैं. सपा के दोनों हाथों में लड्डू हैं.
राज्यसभा की 10 सीटों में भाजपा ने आठ पर तो सपा ने एक पर अपने प्रत्याशी उतारे. दसवीं सीट पर बसपा ने उम्मीदवार उतारा तो भाजपा ने उसके सामने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा. ऐसे में ये माना जा रहा था कि बसपा की जीत तय है.
समाजवादी पार्टी ने दोनों दलों के इस खेल को भांप लिया और ऐसी चाल चली कि दोनों की मुश्किल में आ गए. भाजपा ये नहीं चाहती थी कि मतदान की नौबत आए मगर सपा ने उनके मंसूबे नाकाम कर दिए. समाजवादी पार्टी ने चुनाव से ऐन पहले प्रकाश बजाज को समर्थन देकर उन्हें निर्दलय मैदान में उतार दिया.
प्रकाश बजाज के मैदान में आ जाने से वोटिंग होना तय माना जा रहा है. दूसरी ओर बसपा के पांच प्रस्तावकों के नाम वापस लेने से बसपा की बेचैनी और बढ़ गई है.
क्रास वोटिंग की स्थिती से बचने के लिए बसपा और भाजपा ने अपने विधायकों पर नजर रखनी शुरू कर दी है. सपा का एक और भाजपा के आठ प्रत्याशियों की जीत लगभग तय है. बसपा की एकमात्र सीट पर मुकाबला दिलचस्प होगा.