केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पारित नए कृषि कानूनों के विरोध में बड़ी संख्या में किसान सड़कों पर हैं. किसानों को विभिन्न राजनैतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है. अब समाजवादी पार्टी भी खुलकर किसानों के समर्थन में आ गई है और केंद्र सरकार से तीनों कानून वापस लेने की मांग कर रही है.

आज उत्तर प्रदेश के कानपुर में सपा व्यापार सभा के प्रदेश महासचिव अभिमन्यु गुप्ता के नेतृत्व में सपा कार्यकर्ताओं ने अनाज हाथ में लेकर किसानों के समर्थन में सत्याग्रह किया.

अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि भाजपा सरकार की कृषि विरोधी व्यापारी विरोधी मज़दूर विरोधी नीतियों के चलते देश का कृषक समुदाय, व्यापारी, मज़दूर, युवा सब भयंकर आक्रोश में है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने प्रारम्भ से ही कृषि सम्बंधी तीनों कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए उनको तत्काल वापस लिए जाने की मांग की थी और आज भी साथ खड़ी है. किसान, व्यापारी, मज़दूर, युवा संगठित होकर ही भाजपा की सरकार को जवाब दे पाएंगे.

अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि नोटबन्दी और जीएसटी की ही तरह कृषि बिल भी एक काला क़ानून है. व्यापारी समाज कंधे से कंधा मिलाकर कृषि समाज के साथ खड़ा है. किसान देश का अन्नदाता है तो व्यापारी भाग्य विधाता. भाजपा की सरकार द्वारा अन्नदाता किसानों की मांगों पर सकारात्मक रूख अपनाने के बजाय उन पर आंसू गैस के गोले दागना, ठण्डे पानी की बौछार करना और लाठियां चलाना घोर निंदनीय है.

वरिष्ठ सपा नेता संजय बिस्वारी ने कहा की लगभग 70 प्रतिशत खेती किसानी पर भारत निर्भर है। फिर भी अपने ही देश में भाजपा ने किसानों को बेगाना बना दिया है. हरप्रीत भटिया लवली ने कहा की किसानों की आय दुगनी करने, उनकी फसल के उत्पादन लागत का डेढ़ गुना देने जैसे वायदे भाजपा सरकार की जुमलेबाजी से शुमार हो गए हैं.

इस मौके पर अभिमन्यु गुप्ता, राजिंदर सिंह नीटा, सहज प्रीत सिंह के अलावा वरिष्ठ सपा नेता संजय बिस्वारी ,हरप्रीत भाटिया लवली, शुभ गुप्ता, मनोज चौरसिया, बॉबी सिंह, गुड्डू यादव, राम औतार उप्पल, आज़ाद खान आदि मौजूद थे.

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