समाजवादी पार्टी व्यापार सभा की ओर से औद्योगिक इकाइयों से सात से आठ गुना हाउस टैक्स लेने के विरोध नगर आयुक्त कानपुर अक्षय त्रिपाठी को ज्ञापन सौंपा गया. इस मौके पर सपा व्यापार सभा प्रदेश महासचिव अभिमन्यु गुप्ता, कानुपर नगर अध्यक्ष जितेंद्र जायसवाल, ग्रामीण अध्यक्ष विनय कुमार सहित बड़ी संख्या में सपा व्यापार सभा के नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे.

सपा व्यापार सभा की ओर से दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि कानपुर को प्रदेश की औद्योगिक राजधानी माना जाता है. आज भी प्रदेश में सबसे ज़्यादा टैक्स कानपुर से जाता है. बेहद दुख की बात है की नियम और आश्वासन के बावजूद कानपुर की औद्योगिक इकाइयों से 8 गुना हॉउस टैक्स वसूला जा रहा है, जबकि इसके लिए कई बार आश्वासन दिया गया व नियम भी बना की टैक्स तीन गुना ही देना होगा. इसके बावजूद नगर निगम लगातार 8 गुना टैक्स औद्योगिक इकाइयों से वसूल रही है.

उन्होंने कहा कि कानपुर के पनकी, फजलगंज, दादानगर में हज़ारों औद्योगिक इकाइयां हैं. सरकार ने घरों की अपेक्षा औद्योगिक इकाइयों का तीन गुना तक ही हाउस टैक्स किया था पर बावजूद इसके नगर निगम सात से आठ गुना टैक्स वसूल रहा है.

जिस तरह नगर निगम आवासीय भवनों में हर साल डिपरिसीएशन की गणना करता है, उस तरह औद्योगिक इकाइयों का नहीं करता. इसके अलावा उद्योगों में आवश्यक रूप से छोड़े गए ओपन लैंड की गणना भी टैक्स निर्धारण में नगर निगम कर लेती है जो कि न्याय संगत नहीं है.

सपा नेताओं ने कहा कि नवम्बर 2020 में मुख्यमंत्री ने 15 दिन में मामले के निस्तारण का निर्देश दिया था पर अभी तक मामले में जूं नहीं रेंगी. ज्ञापन में आगे कहा गया की इस सात से आठ गुना हाउस टैक्स की वजह से कानपुर के उद्योगों को समस्याएं आ रही हैं. इस संकट के दौर में टैक्स अधिक होगा तो राष्ट्रीय व अंतराष्टीय स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक उत्पाद कैसे बनाए जाएंगे.

समाजवादी व्यापार सभा ने मांग की है कि तय नियम अनुसार ही हाउस टैक्स औद्योगिक इकाइयों से लिया जाए और साथ ही टैक्स निर्धारण भी सही तरीके से हो.

उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की सरकार में व्यापार को प्रोत्साहन दिया जाता था पर भाजपा के शासन में व्यापारियों की जमीनी समस्याओं को नज़रंदाज़ किया जाता है जिसका खामियाजा व्यापारी समाज और पूरा प्रदेश भुगत रहा है.

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