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हरियाणा की शान और देशी क्वीन के रुप में प्रसिद्ध सपना चौधरी आज किसी भी पहचान की मोहताज नहीं है. कड़ी मेहनत के द्वारा आज उन्होंने जो मुकाम हासिल किया है वो हर किसी के लिए मिसाल है. सपना के जीवन में एक समय ऐसा भी था जब उन्होंने मजबूरी में आकर इस पेशे को चुना और अपने परिवार की बुरे दिनों में मदद की.

पिता का साया उठने के बाद सपना ने दिन रात मेहनत की. और अपने परिवार को बुरे दिनों के साये से निकलने में मदद प्रदान की. जहां लोग आज के इस दौर में सपना चौधरी के डांस के लोग दीवाने हैं. लोग सपना चौधरी की एक झलक पाने के लिए व्याकुल रहते हैं.

कुछ ऐसी थी परिस्थतियां

हरियाणवी, हिंदी और अंग्रेजी में बात करने वाली सपना चौधरी की आर्थिक हालत ठीक ना होने के कारण 12 वीं तक ही पढ़ाई हो सकी.

एक साक्षात्कार में उन्होंने अपने इस दर्द को बयां किया था. उन्होंने इस दौरान बताया था कि साल 2008 में पिता का साया उठ जाने के बाद उनके घर की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होने लगी इस दौरान ही उन्होंने अपनी मां की ढाल बनने का फैसला किया.

सपना चौधरी के मुताबिक घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते वो कभी-कभी रात भर शो करती और सुबह उठकर स्कूल जाया करती थी.

रात में नींद ना पूरी होने के कारण वो कभी-कभी स्कूल में ही सो जाया करती थी. सपना ने कहा कि उनकी मां पढ़ाई के मामले में इतनी सख्त थी कि अगर मैं शो से सुबह 6 बजे भी वापस लौटती थी तो मां स्कूल जाने को कहती थी.

उन्होंने कहा कि मैंने 7 वीं तक ही क्लास में जाकर नियमित रुप से पढाई की. लेकिन उसके बाद नियमित रुप से स्कूल जाना नहीं हो सका.

एक किस्से का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि हरियाणा के जींद से एक शो करके लौटते समय उनका पाला एक शराबी से पड़ गया था. कहा कि मैं एक बार अपनी मां के साथ जींद से शो करके वापस आ रही थी, बस में बैठे तो वो पूरी खाली थी, मैं थक गई थी तो एक सीट पर बैठ गई.

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लेकिन बस में पीछे एक शराबी बैठा था जो कि टाफिया खाकर मेरे ऊपर फेंक रहा था. उन्होंने कहा कि वो काफी देर तक इस काम को करता रहा जिसकी वजह से मैं उठकर ऊपर बैठ गई. लेकिन मैं ये बात अपनी मां को नहीं बता सकी क्योंकि वह इससे विचलित हो जाती और कहती कि ये काम छोड़ दो.

जब उनसे ये सवास किया गया कि अगर वो डांस और सिंगिग की ओर रुख ना करती तो वो क्या करती. इस सवाल के जवाब में सपना चौधरी ने कहा कि मैंने मजबूरी में ये लाइन पकड़ी थी. कहा कि हालात विपरीत ना होते तो आईएएस परीक्षा के लिए जरुर एक बार सोचती.

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