जहां चाह है वहां राह है. इसी कहावत को सच कर दिखाया छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की रहने वाली सीमा वर्मा ने. जिस एक रूपये की हम बहुत ज्यादा कद्र नहीं करते हैं उसी एक रूपये जोड़ो की मुहिम चलाकर सीमा ने गरीब बच्चों को शिक्षा दिलाने की मुहिम छेड़ दी.

सीमा ने बताया इस मुहिम का असर ये हुआ कि वो अब तक 33 बच्चों के स्कूल की फीस भर चुकी हैं और 11 हजार से ज्यादा बच्चों को स्टेशनरी का सामना मुहैया करा चुकी हैं. इस मुहिम के लिए सीमा को बेस्ट वूमेन ऑफ छत्तीसगढ़ के अलावा 40 से अधिक सम्मान मिल चुके हैं.

सीमा ने बताया कि 10 अगस्त 2016 से इस अभियान की शुरूआत करने के बाद तमाम लोग उनसे जुड़ते चले गए जिसकी वजह से वो आज इतने अधिक बच्चों की मदद कर पाने में सफल हुई. उन्होंने कहा कि देशसेवा करने के लिए तन पर वर्दी या किसी पद की जरूरत नहीं. आप अपने आसपास के लोगों की मदद करके भी देश और समाजसेवा कर सकते हैं.

इस तरह की मुहिम की शुरूआत

सीमा ने बताया कि जब वो ग्रेजुएशन में थी तो उनकी एक सहेली थी जो दिव्यांग थी, सीमा को उनको ट्राय साइकिल दिलवाना था इसके लिए सीमा ने कॉलेज के प्रिंसिपल से बात की, तो प्रिंसिपल ने कहा एक सप्ताह बाद बात करते हैं, सीमा ने उसी दिन ठान लिया कि वह दिव्यांग लड़की की मदद जरुर करेंगी.

उसी दिन वह पैदल-पैदल चल-चलकर मार्केट के कई शॉप पर गई किसी ने कहा यहां नहीं मिलेगा, किसी ने कहा 35000 रुपए का मिलेगा पर दिल्ली से मांगना पड़ेगा, 15 दिन से एक महीना लग सकता है.

सीमा वहां से निकली तो सामने एक पंचर बनाने वाली दुकान पर पहुंची, उनसे पूछा इन सब दुकानों के अलावा कोई साइकिल स्टोर है, पंचर बनाने वाले ने पूछा आप को क्या चाहिए, सीमा ने बताया उनकी दिव्यांग दोस्त को बैटरी से चलने वाली ट्राय साइकिल चाहिए.

पंचर बनाने वाले ने मजाकिया लहजे से पूछा आप कौन सी क्लास में है, सीमा ने बताया ग्रेजुएशन लास्ट ईयर में है, पंचर वाले ने बोला आप को पता नहीं क्या ये गर्वनमेंट मुफ्त में उपलब्ध कराती है.

इस पर सीमा ने हैरान होते हुए तुरंत पूछा क्या करना पड़ेगा. पंचर वाले ने बताया जिला पुनर्वासन केद्र जाना पड़ेगा डॉक्युमेंट्स जमा करना पड़ेगा. 8-10 महीने भी लग सकते है, सीमा ने पूछा और कोई रास्ता पंचर वाले ने बताया कमिश्नर के पास जाइए हो सकता है 1 महीने के अंदर मिल जाए, सीमा तुरंत कमिश्नर के पास गई, दूसरे दिन उनके दोस्त को ट्राय साइकिल मिल गई.

आप लोगो की मदद उनको सही रास्ता दिखा कर भी कर सकते है इसी सोच के साथ सीमा ने इस मुहिम की शुरुआत की, ताकि लोगों को जागरूक कर सकें. सीमा ने बताया कि लोग मदद के लिए उन्हें रुपए भी देना चाहते हैं, भारत से ही नहीं अपितु विदेशों से भी, पर वो यह कह कर मना कर देती है कि दिया तले अंधेरा मत बनिए. जहां है वहीं पर लोगों की मदद कीजिए.

मिल चुके हैं ये सम्मान

बेस्ट वूमेन ऑफ छत्तीसगढ़ चांपा 2020, छत्तीसगढ़ माटी सपूत सम्मान 2019 बिलासपुर, उत्तरप्रदेश के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा सम्मान कुशीनगर, अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा संगठन छत्तीसगढ़ इकाई के द्वारा सम्मान 2017, अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा संगठन उत्तर प्रदेश इकाई 2018, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले के द्वारा कुशीनगर में सम्मानित 2019, सहित 40 से अधिक सम्मान मिल चुके हैं.

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