
विगत दिनों सपा मुखिया अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के एक होने की अटकलें लगाई जा रही थी कि मुलायम परिवार फिर से एक होने जा रहा है लेकिन शिवपाल सिंह यादव ने इस तरह की सारी खबरों को खारिज कर दिया और कहा कि अब सपा में वापसी की उम्मीद तो नहीं हैं लेकिन गठबंधन की उम्मीदें कायम है. इसके बावजूद अखिलेश यादव ने हार नहीं मानी और चाचा को बेबस करने का दांव खेलते हुए नजर आए.
विगत दिनों सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा, बसपा और कांग्रेस से आए नेताओं और कार्यकर्ताओं को सपा की सदस्यता ग्रहण कराई, इसके साथ ही मंत्र दिया कि अभी से ही विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाए.पिछले दो चुनावों में सपा ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़े, इन चुनावों में कोई खास सफलता नहीं मिली जिसके बाद अखिलेश यादव ने एकला चलो की राह पकड़ ली है.

सपा के परंपरागत वोटरों में यादव के साथ अन्य पिछड़ी जाति और मुस्लिम वोटर आते थे, लेकिन इनके वोटरों में भाजपा ने सेँधमारी कर दी. जिससे सपा को काफी नुकसान हुआ, शिवपाल सिंह के अलग पार्टी बना लेने से यादव वोटर में भी बंटवारा हो गया. अब अखिलेश यादव इसी कोशिश में लगे हुए है कि किसी प्रकार शिवपाल सिंह यादव की सपा में वापसी करा ली जाए जिससे उनका परंपरागत वोटर एक साथ फिर से उनके साथ खड़ा हो सके.
राजनीति के जानकारों की मानें तो शिवपाल सिंह यादव अब अलग अलग होकर चुनावी मैदान में अखिलेश यादव को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे, क्योंकि जो लोग परिवार के एक होने का इंतजार कर रहे हैं, अब उनका भी नजरिया अखिलेश यादव के प्रति बदलता हुआ नजर आ रहा है. इसकी वजह अखिलेश की ओर से पारिवारिक विवाद को खत्म करने के लिए उठाया गया कदम है.