किसान आंदोलन के मुद्दे पर बीजेपी नेता सुब्रहण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार और किसानों के बीच चल रहे गतिरोध को खत्म करने का फार्मूला सुझाया है. स्वामी ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा कि दर्जन भर बीजेपी सांसदों ने मंगलवार को मुझसे पूछा कि किसान आंदोलन से किस तरीके से निपटा जाए.

तो मैंने सलाह दी कि चारों एक्ट को लागू करने के लिए नियम ये होने चाहिए कि कानून उन्हीं राज्यों में लागू होंगे जहां कि सरकार केंद्र से कानून लागू करने की मांग करेगी. हालांकि इस दौरान सभी सांसदों ने सहमति भी जताई है. हालांकि स्वामी ने उन बीजेपी सांसदों के नामों का खुलासा नहीं किया है जिन्होंने इस फार्मूले पर सहमति जताई है. और अभी तो ये भी तय नहीं है कि केंद्र सरकार स्वामी के सुझावों पर गौर करेगी भी या नहीं.

गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं है जब स्वामी ने अपनी ही पार्टी बीजेपी का विरोध किया हो इसके पहले भी कई बार ये बातें सामने आई है जब उन्होंने पार्टी के फैसले का खुलकर विरोध किया है. 26 जनवरी को दिल्ली में हुई घटना के बाद भी स्वामी ने अपनी पार्टी से कहा प्लीज वेक अप. इस दौरान उन्होंने एक ट्वीट में ये भी कहा है कि इस आंदोलन से पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की इमेज पर तगड़ा झटका लगा है.

दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि किसान आंदोलन अस्टबूर से पहले खत्म नहीं होगा. हमारा नारा है कि कानून वापसी नहीं तो घरवापसी नहीं.

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