यूपीएससी परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. इसमें सफलता पाने के लिए अभ्यथियों को दिन रात मेहनत करनी पड़ती है. कुछ अभ्यर्थी ऐसे होते हैं, जो परीक्षा के लिए मेहनत के अलावा जीवनयापन के लिए भी समय निकालते हैं. वे दूसरों के लिए एक बड़ी प्रेरणा हैं. ऐसी ही कहानी है आईएएस हिमांशु गुप्ता की, जो कभी चाय की दुकान पर काम करते थे.

हिमांशु ने यूपीएससी परीक्षा तीन बार दी. सिविल सेवा परीक्षा 2019 में 304वीं रैंक हासिल कर सफलता पायी. हिमांशु के पिता एक छोटी चाय की दुकान चलाते थे. हिमांशु भी पिता के साथ दुकान पर काम किया करते. हिमांशु चाय की दुकान पर काम करते हुए खाली समय में अखबार पढ़ते थे.

हिमांशु के लिए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करना एक चुनौती रही. वह बेसिक इंग्लिश सीखने के लिए रोजाना 70 किलोमीटर का सफ़र तय करते थे. हिमांशु ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. फीस देने के लिए वह ट्यूशन पढ़ाते थे और ब्लॉग लिखते थे.

हिन्दू कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद डीयू से उन्होंने एनवायरमेंटल साइंस में मास्टर डिग्री ली और टॉप किया. जिसके बाद उनके पास विदेश से पीएचडी करने का मौका था लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकर कर दिया. ग्रेजुएशन के बाद हिमाशु को एक अच्छी नौकरी मिली. लेकिन उन्होंने युपीएस सिविल सर्विसेज में जाने का फैसला किया.

हिमांशु ने परिवार की मदद करने के लिए एक रिसर्च स्कालर के रूप में एक सरकारी कॉलेज में एडमिशन लिया. हिमांशु ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली. लेकिन उन्हें कम रैंक मिली और इसलिए उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में दोबारा बैठने का फैसला किया.

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