महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे आने के एक माह बाद भी अभी वहां का सियासी ड्रामा पूरी तरह समाप्त नहीं हो पाया है. हालांकि इस दौरान बीजेपी ने सरकार बना ली मगर अभी बहुमत परीक्षण को लेकर घमासान जारी है. मामला देश की सर्वोच्य अदालत की चौखट पर है. आज इस मामले की सुनवाई सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर शुरू हुई.

दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे की दलीलों को काटने की कोशिश की गई. शिवसेना और एनसीपी के वकीलों ने कहा कि महाराष्ट्र में राजभवन का दुरूपयोग करके गलत ढंग से सरकार का गठन किया गया है. विपक्षी दलों के वकीलों ने इस बात पर पूरा जोर दिया कि 24 से 48 झांटे के भीतर फ्लोर टेस्ट हो जाए ताकि सबको पता चले कि किसके पास कितने विधायक हैं.

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपने फैसले को कल सुबह 10ः30 बजे तक सुरक्षित रख लिया.अब कल सुबह अदालत अपना फैसला सुनाएगी. बता दें कि शुक्रवार आधी रात से सुबह 8 बजे के बीच बीजेपी ने एनसीपी नेता अजीत पवार को अपने पाले में करके सरकार बना ली.

शनिवार सुबह 8 बजे देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद एनसीपी में दो फाड़ हो गए. एनसीपी प्रमुख शरद पवर अभी भी शिवसेना और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनसीपी का समर्थन शिवसेना के साथ है न कि बीजेपी के साथ.

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