बिहार की राजनीतिक गलियों में इस वक्त चर्चा है कि बिहार में आरजेडी का अगला अध्यक्ष कौन होगा. लालू-राबड़ी के पसंद के चेहरे पर मुहर लगेगी या फिर तेजस्वी यादव की पसंद का अध्यक्ष होगा. ये भी माना जा रहा है कि अगले 4 दिनों में पार्टी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे के भरोसे का लिटमस टेस्ट होगा.
रामचंद्र पूर्वे पिछले 9 सालों में 4 बार अध्यक्ष चुने जा चुके हैं. लालू प्रसाद यादव के वह सबसे भरोसेमंद हैं. ऐसे में उनका पलड़ा भारी नजर आता है. लेकिन तेजस्वी यादव के साथ उनके रिश्ते बेहद ख़राब हैं. इस पहलू से उनकी दावेदारी इस बार कमजोर भी नजर आ रही है.
हालांकि अब तक किसी दूसरे ने सामने आकर चुनाव ल’ड़ने की बात नहीं कही है. लेकिन रामचंद्र पूर्वे के दिमाग में इस बात का ड’र होगा कि लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी तेजस्वी प्रदेश अध्यक्ष चुनाव में अपना उम्मीदवार न उतार दें. छात्र संघ चुनाव और पार्टी दफ्तर में ताला लगने जैसे मु’द्दों पर दोनों के बीच कई बार ठन चुकी है.
ऐसे में तेजस्वी किसी विधायक को भी सामने लाकर खड़ा कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो रामचंद्र पूर्वे के लिए रास्ता मुश्किल हो जाएगा. क्योंकि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि परिवार के अंदर ही गुटबाजी है.