केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश कर दिया. कोरोना काल के बाद आए इस बजट को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. सत्ता पक्ष इसे अब तक का सबसे बेहतर बजट बता रहा है तो विपक्ष कह रहा है कि इसमें आम लोगों के लिए कुछ भी नहीं है.
राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बजट को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये बजट नहीं देश को बेचने की सेल थी. ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि यह देश बेचने वाला बजट है.
यह बजट नहीं सरकारी प्रतिष्ठानों व संपत्तियों को बेचने की सेल थी. रेल, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, लाल किला, BSNL, LIC बेचने के बाद यह बजट नहीं बल्कि अब बैंक, बंदरगाह, बिजली लाइनें, राष्ट्रीय सड़के, स्टेडियम, तेल की पाइप लाइन से लेकर वेयरहाउस बेचने का भाजपाई निश्चय है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि आम बजट में बिहार के लिए कोई नई यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल, राष्ट्रीय राजमार्ग, कारखाना, औद्योगिक इकाई, रेलवे लाइन और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट नहीं बल्कि ऊपर से आम आदमी पर बोझ लाद दिया. केंद्र सरकारी प्रतिष्ठान बेच रही है फिर भी बिहार NDA के 40 में से 39 सांसद मेज थपथपा रहे थे. शर्मनाक.
राजद नेता ने कहा कि बजट में बिहार के लिए कुछ भी नहीं है. बिहार को तो कोई उद्योग मिला ही नहीं. उन्होंने कहा कि लालू यादव ने बिहार को रेल के तीन चार कारखाने दिए थे मगर आज क्या मिला बिहार को. तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार से 39 सांसद केवल ताल पीटने के लिए गए थे. बजट ने बिहार सहित पूरे देश की जनता को निराश किया है.